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राज्यसभा में पास हुए तीनों क्रिमिनल लॉ बिल, जानें गृह मंत्री शाह ने 'तारीख पर तारीख' वाली बात क्यों कही?

Criminal Law Bills: राज्यसभा में गुरूवार को तीनों क्रिमिनल लॉ बिल पास हो गए. लोकसभा में ये पहले ही बुधवार को पारित कर दिए गए थे. अब इन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा गया है. गृह मंत्री शाह ने कहा कि अब तारीख पर तारीख वाल जमाना नहीं रहा.

राज्यसभा में पास हुए तीनों क्रिमिनल लॉ बिल, जानें गृह मंत्री शाह ने 'तारीख पर तारीख' वाली बात क्यों कही?
  • तीनों बिल राष्ट्रपति के पास गए
  • गृह मंत्री शाह ने इसे बताया स्वराज 

नई दिल्ली: Criminal Law Bills: राज्यसभा में तीनों क्रिमिनल लॉ बिल पास हो गए हैं. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल गुरूवार को पारित किए गए, इसके बाद राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगति कर दिया गया. बुधवार को ये तीनों बिल लोकसभा से पास हुए थे. ये बिल उस समय पास हुए हैं, जब लोकसबहा और राज्यसभा से 143 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं. 

क्या बोले गृह मंत्री शाह?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीनों बिलों पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा जो लोग सदन के बाहर ये पूछते हैं कि इस कानून से क्या होगा. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि बैलेंस ऑफ वर्क को ध्यान में रखते हुए ये कानून बनाए गए हैं. ये कानून लागू हो जाएंगे, इसके बाद तारीख पर तारीख का जमाना नहीं रहेगा. हमारा उद्देश्य किसी भी मामले में 3 साल के भीतर न्याय दिलाना है. 

शाह ने बताया स्वराज का अर्थ 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानूनों की जरूरत नहीं समझने वाले लोगों को स्वराज का मतलब नहीं पता. स्वराज का मतलब स्व शासन नहीं है, बल्कि इसका मतलब स्व धर्म, भाषा और संस्कृति को आगे बढ़ाना है. देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने शासन बदलने की नहीं, बल्कि स्वराज की लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आप 75 में  से 60 साल में सत्ता में बैठे. लेकिन स्व लगाने का काम नहीं किया. ये काम देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है. 

राजद्रोह कानून पर क्या बोले शाह?
अमित शाह ने राजद्रोह कानून को हटाने को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों द्वार बनाए गए इस कानून के कारण तिलक, गांधी और पटेल समेत देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों 6-6 साल जेल में रखा गया. मैंने राजद्रोह की बजाय उसे देशद्रोह किया है. लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना करने का अधिकार हर किसी को है. 

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