Indian languages: 'चार कोस पर पानी बदले, आठ कोस पर वानी', भारत में यह कहावत काफी प्रचलित है जिसका अर्थ है चार कोस की दूरी चलने पर पानी बदल जाता है और आठ कोस दूरी चलने पर भाषा में बदलाव हो जाता है. भारत अपनी विविधताओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. हर क्षेत्र में अलग भाषा बोली जाती है, लेकिन ऐसे में बहुत लोगों के मन में ये सवाल आता है कि आखिर देश में कुल कितनी भाषाएं बोली जाती हैं और सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा कौन-सी है? ऐसे में अगर आपके मन में भी ये सवाल उठ रहा है तो ये लेख आपके लिए है, यहां से आप देश भर में बोले जाने वाली भाषाओं के बारे में जान सकते हैं.
भारत में भाषाओं का इतिहास
भारत में 1961 में की गई भाषाई जनगणना के मुताबिक देश में लगभग 1,652 भाषाएं बोली जाती थी. इसके बाद 2010 में People's Linguistic Survey of India (PLSI) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 780 भाषाएं बोली जाती हैं.
UNESCO के अनुसार, इनमें से 197 भाषाएं संकट में हैं, जिनमें से 42 की स्थिति गंभीर है. इसका अर्थ यह है कि देश में कुल 239 भाषाओं की स्थिति ठीक नहीं है, जिस कारण उनका अस्तित्व संकट में है.
भारत में अब कुल कितनी भाषाएं बोली जाती हैं?
2011 में भाषाई जनगणना के मुताबिक भारत में मातृभाषाएं और 121 भाषाएं हैं. साथ ही हमारे संविधान में 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषाओं का दर्जा दिया गया है. वहीं देशभर में लगभग 19,500 बोलियां बोली जाती हैं.
देश में कहां बोली जाती हैं अधिक भाषाएं?
साथ ही बता दें कि अरुणाचल प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, बंगाल, राजस्थान ऐसे राज्य हैं जहां पर बाकि जगहों के मुकाबले अधिक भाषाएं बोली जाती हैं.
सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा
अगर बात करें कि भारत में सबसे अधिक कौन सी भाषा बोली जाती है, तो हिंदी भारत की सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा है. 40% लोग भारत में हिंदी बोलते हैं. इसके अलावा 8% लोग बंगाली, 7.1% लोग तेलुगु, 6.9% मराठी और 5.9% लोग तमिल बोलते हैं.
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में कुल 22 भाषाओं को ही शामिल किया गया है, जिन्हें संविधान द्वारा आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त है. असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू भाषाएं शामिल हैं.
सबसे पुरानी भाषा कौन सी है?
भारत की सबसे पौराणिक भाषा के रूप में संस्कृत का नाम दर्ज है. इसे 'देवभाषा' भी कहा जाता है. इसके अलावा संस्कृत को कई भाषाओं की जननी भी मानी जाती है. भारत में सबसे पौराणिक हिंदू धर्म ग्रंथ जैसे ऋग्वेद भी संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं.
हालांकि भारत की पौराणिक भाषा को लेकर भी काफी विवाद रहता है, ऐसे में बता दें कि संस्कृत सबसे पुरानी दर्ज की गई भाषा है, जबकि तमिल जीवित भाषाओं की सूची में सबसे पुरानी लिखित भाषाओं में से एक है.
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