Milk Production in India: भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है. यहां हर साल लाखों टन दूध का उत्पादन होता है, जो न केवल देश की आंतरिक जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका का भी स्रोत है. इस क्षेत्र को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. देश के विभिन्न हिस्सों में दूध उत्पादन की मात्रा अलग-अलग होती है और कुछ राज्य इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. आइए दूध उत्पादन के मामले में टॉप पांच राज्यों पर एक नजर डालें.
पहले नंबर पर यूपी
उत्तर प्रदेश देश में दुग्ध उत्पादन में 16.21% योगदान के साथ प्रथम स्थान पर है. इसकी विशाल ग्रामीण आबादी और उपजाऊ भूमि इसे डेयरी फार्मिंग के लिए एक आदर्श क्षेत्र बनाती है. राज्य की पशुधन संस्कृति प्राचीन और समृद्ध है. विभिन्न जिलों में पशु मेले और डेयरी प्रशिक्षण केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां दुग्ध उत्पादन केवल आजीविका का साधन ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा का एक अभिन्न अंग भी है.
दूसरे पर राजस्थान
14.51% दूध उत्पादन के साथ राजस्थान देश का दूसरा सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य है. अपनी ड्राई जलवायु के बावजूद, यह राज्य डेयरी उत्पादन में काफी आगे है. राठी और थारपारकर जैसी देशी नस्लें अपनी दूध उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां की ग्रामीण महिलाएं बड़ी संख्या में पशुपालन में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं.सहकारी समितियों और सरकारी योजनाओं ने इस क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
मध्य प्रदेश का नंबर तीसरा
मध्य प्रदेश देश का तीसरा सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य है, जो राष्ट्रीय उत्पादन में 8.91% का योगदान देता है. राज्य की उपजाऊ भूमि, जल संसाधन और पशुपालन में लगी एक बड़ी ग्रामीण आबादी इसके डेयरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देती है. यहां उत्पादित उच्च गुणवत्ता वाला दूध मुख्य रूप से मुर्रा भैंसों और देशी गायों से प्राप्त होता है. राज्य के कई हिस्सों में डेयरी उद्योग तेजी से फैल रहा है और युवाओं की भी इस क्षेत्र में रुचि बढ़ रही है.
गुजरात का नंबर चौथा
गुजरात देश के दूध उत्पादन में 7.65% का योगदान देता है, जिससे यह चौथे स्थान पर है. यह राज्य 'अमूल' ब्रांड के लिए भी प्रसिद्ध है, जिसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. गुजरात में डेयरी सहकारी समितियां अत्यधिक संगठित हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में भी उनकी मजबूत उपस्थिति है. यहां पशुपालन को एक सम्मानजनक व्यवसाय माना जाता है और राज्य सरकार ने डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लगातार योजनाएं लागू की हैं.
महाराष्ट्र का नंबर पांचवां
महाराष्ट्र देश का पांचवां सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य है, जो कुल राष्ट्रीय उत्पादन में 6.71% का योगदान देता है. अपनी विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों के बावजूद, राज्य ने दुग्ध उत्पादन में स्थिरता बनाए रखी है. कई जिलों में सहकारी डेयरियां सक्रिय हैं, जो किसानों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं.
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