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क्या भारत में कोई भी ले सकता है बंदूक या पिस्तौल का लाइसेंस, जानें क्या है प्रोसेस

आपने कुछ ऐसे आम लोगों के पास हथियार देखे होंगे, जिन्हें देख अक्सर लोग सोचते हैं कि काश वो भी हथियार रख सकते. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि हथियारों को रखने के नियम-कानून क्या है. चलिए आज जानते हैं कि कैसे मिल सकता है हथियारों के लिए लाइसेंस.

क्या भारत में कोई भी ले सकता है बंदूक या पिस्तौल का लाइसेंस, जानें क्या है प्रोसेस
  • किन्हें मिलता है हथियारों का लाइसेंस?
  • मुश्किल प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है

नई दिल्ली: पिस्तौल या बंदूक रखना भारत में एक विशेषाधिकार माना गया है. खासतौर पर हम सभी ने पिस्तौल या रिवॉल्वर जैसे हथियार पुलिस, सेना या सुरक्षाबलों के पास ही देखे होंगे. हालांकि, अब सवाल ये उठता है कि क्या कोई आम नागरिक भी अपने पास हथियार रख सकता है? वैसे, आपने कुछ आम लोगों के पास भी हथियार देखे होंगे, लेकिन ऐसा वे तब कर सकते हैं जब उन्हें जान का कोई खतरा हो या यूं कहें कि सेल्फ डिफेंस में लोग हथियार रख सकते हैं.

बनाए गए हैं सख्त नियम

हालांकि, पिस्तौल रखना कोई आम बात तो है नहीं, इसके लिए आपको लाइसेंस की जरूरत पड़ती है. अब अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि लाइसेंस कैसे लिया जा सकता है. क्या इसे भी ड्राइविंग लाइसेंस की तरह ही आसानी से बनवाया जा सकता? इसका जवाब है, नहीं, कोई भी हथियार लेने के लिए सख्त नियम-कानून की प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है. यह प्रक्रिया आर्म्स एक्ट, 1959 और आर्म्स रूल्स, 2016 द्वारा नियंत्रित की जाती है.

आत्मरक्षा के लिए ले सकते हैं लाइसेंस 

आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत कोई भी व्यक्ति आत्मरक्षा के लिए लाइसेंस लेकर हथियार अपने पास रख सकता है. अगर किसी को पिस्तौल के लिए लाइसेंस चाहिए तो सबसे पहले उसकी उम्र 21 साल से अधिक होनी चाहिए. इसके अलावा वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो और आप पर कोई भी गंभीर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए. इतना ही नहीं, आप मानसिक और शारीरिक तौर पर बिल्कुल स्वस्थ होने चाहिए. आप पर कोई सरकारी बकाया न हो.

कारण बताना अनिवार्य

इन सबके अलावा एक सबसे जरूरी शर्त होती है कारण, जिस भी व्यक्ति को अपने लिए हथियार चाहिए होता है उसे बताना होता है कि उन्हें किसी भी तरह का अपनी जान को खतरा है. दूसरी ओर कुछ ऐसे खिलाड़ी भी अपने लिए हथियार का लाइसेंस ले सकते हैं, जो निशानेबाजी करते हैं.

किसे है जारी करने का अधिकार

हथियारों का लाइसेंस एक सराकारी परमिट होता है, जिसे जारी करने का अधिकार राज्य सरकार के गृह मंत्रालय के पास है. वहीं, राज्यों के जिलाधिकारी, कमिश्नर, जिला कलक्टर या रैंक के अधिकारियों के पास भी लाइसेंस जारी करने का अधिकार होता है. हालांकि, इसके लिए लोकल पुलिस थाना और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन की परमिशन की जरूरत भी पड़ती है.

किन डॉक्यूमेंट्स की पड़ती है जरूरत

लाइसेंस लेने के लिए पहले एक फॉर्मेट तैयार किया जाता है. इसके तहत आपको बताना होगा कि आप किस तरह का हथियार चाहते हैं, जैसे आपको रिवॉल्वर, पिस्तौल, राइफल, दोनाली, बंदूक यानी कोई अन्य छोटा या बड़ा चाहिए. इसके अलावा आपको कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स दिखाने की भी जरूरत पड़ेगी.

1. पहचान प्रमाण पत्र और एड्रेस प्रूफ देना होगा
2. खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बताते हुए मेडिकल सर्टिफिकेट
3. संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी
4. आप नौकरीपेशा है या बिजनेसमैन की जानकारी
5. आयु प्रमाण पत्र, जिससे पता चलेगा कि आप 21 वर्ष से अधिक है.
6. कैरेक्टर सर्टिफिकेट, जो यह बताए कि आप पर कोई क्रिमिनल चार्जेस नहीं हैं.
7. अगर आपने कोई लोन या उधारी ली है तो इसकी भी जानकारी देनी होगी.

लाइसेंस मिलने का प्रोसेस 

हथियारों का लाइसेंस लेने के लिए सबसे पहले डीएम या कमिश्नर के दफ्तर में आवेदन करना होता है. इसके बाद यहां से आवेदक का एप्लिकेशन SP के ऑफिस भेजा जाएगा और फिर यहां से आपके इलाके के लोकल पुलिस स्टेशन में ये एप्लिकेशन जाएगी. अब पुलिस स्टेशन में आपके सारे रिकॉर्ड और पहचान की जांच होगी. इसके बाद आपके रिकॉर्ड को SP ऑफिस भेज दिया जाता है. सारी फॉर्मेलिटीज पूरी होने के बाद आपकी रिपोर्ट DM ऑफिस जाती है.

हालांकि, इस दौरान अगर आप भी कोई भी संदेह होता है तो इस जांच में इंटेलीजेंस विभाग को भी शामिल किया जा सकता है. यह बात पूरी तरह से DM तय करते हैं कि आपको हथियार का लाइसेंस दिया जाना चाहिए या नहीं.

कितने वक्त में मिलता है लाइनेंस

लाइसेंस मिलने में कितना वक्त लगता है यह निर्धारित नहीं है. बताया जाता है कि अगर सब ठीक रहा तो एक महीने में भी लाइसेंस मिल सकता है और कई बार एक साल से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है. ये वक्त व्यक्ति की जरूरत पर भी निर्भर करता है. बता दें कि किसी भी हथियार का लाइसेंस पहले 3 साल के लिए वैलिड होता था, लेकिन सरकार ने अब इस अवधि को बढ़ाकर 5 साल कर दिया है. वैलिडिटी खत्म होने के बाद लाइसेंस को रिन्यू कराना पड़ता है. इस दौरान भी धारक की फिर से पूरी जांच-पड़ताल की जाती है. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति 2 से ज्यादा हथियार नहीं रख सकता.

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