Know about India's CDS: पाकिस्तान से भारत का तनाव चरम पर पहुंच गया है. भारत बीती कई रातों से पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब जा रहा है. इस बीच भारतयी रक्षा मंत्री तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ CDS यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. तो आइए ऐसे में जानते हैं भारत के भारतीय सेना के सबसे बड़े अधिकारी CDS Anil Chauhan के बारे में.
भारत का हर एक सैनिक देश का Hero है. बॉर्डर पर तनाव है, जहां भारतीय सेना देश की रक्षा कर रही है. ऐसे में सेना के बड़े अधिकारियों के बारे में जानना चाहिए, जो हमले की रणनीति बनाने के साथ ही अनेकों बड़े कदम उठाने के लिए भी प्रमुख हैं. जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना को खुली छूट दे रखी है.
CDS देश के लिए कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण पद है. सीडीएस रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में काम करता है. भारत के CDS लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अनिल चौहान हैं.
देश के CDS के बारे में
सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को पूर्वी सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को देश का दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया था. तब से वह इस पद पर हैं. दिसंबर 2021 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद उन्हें देश का नया CDS बनाया गया था.
CDS शीर्ष सैन्य पद है जिसका उद्देश्य सेना, नौसेना और वायु सेना के कामकाज में बेहतरी लाना और देश की समग्र सैन्य शक्ति को मजबूत करना है. अपने 40 वर्षों से अधिक के करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रुमेंटल नियुक्तियों को संभाला और जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में समय दिया है.
कौन हैं अनिल चौहान?
-18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन मिला था.
-उन्होंने कोलकाता के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की और वे एक सैनिक के रूप में खुद को आकार देने का श्रेय इसी शहर को देते हैं.
-वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं.
-मेजर जनरल के पद पर, अधिकारी ने उत्तरी कमान के महत्वपूर्ण बारामूला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी.
-बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली और बाद में सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से सेवानिवृत्त होने तक इस पद पर रहे.
-इन कमांड नियुक्तियों के अलावा, उन्होंने सैन्य संचालन महानिदेशक के प्रभार सहित महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों को भी संभाला.
-लेफ्टिनेंट जनरल चौहान (सेवानिवृत्त) ने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी काम किया.
-वह 31 मई 2021 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए. सेना से सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा.
-सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया.
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