रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनिया में तेल की राजनीति काफी बदल गई है. भारत जैसे देश, जो अपनी जरूरत का ज्यादातर तेल इंपोर्ट करते हैं, उन्होंने सस्ते विकल्प की तलाश में रूस का रुख किया. लेकिन इस पर अमेरिका और पश्चिमी देशों को आपत्ति है. वो नहीं चाहते कि भारत रूस से तेल खरीदे, क्योंकि इससे रूस की अर्थव्यवस्था को फायदा होता है, जिसे ये देश कमजोर करना चाहते हैं. लेकिन भारत ने साफ कहा है कि उसकी ऊर्जा नीति उसके अपने हितों के मुताबिक ही चलेगी, किसी बाहरी दबाव से नहीं. अब सवाल ये है कि अमेरिका को असल में दिक्कत क्या है? और भारत रूस से तेल के अलावा और क्या-क्या सामान खरीदता है?
अमेरिका को क्यों है दिक्कत?
अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस पर आर्थिक दबाव बनाना चाहते हैं, ताकि उसकी युद्ध अर्थव्यवस्था कमजोर हो. इसके लिए उन्होंने रूस के तेल और गैस के कारोबार पर पाबंदियां लगाने की कोशिश की है. लेकिन भारत जैसे देश जब रूस से बड़ी मात्रा में सस्ता तेल खरीदते हैं, तो रूस को आर्थिक राहत मिलती है. इसी वजह से अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. उन्होंने रूसी तेल खरीदने पर 25% टैरिफ और अन्य आर्थिक दंड की भी बात कही थी. लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखकर ही फैसला करेगा और उसकी नीति किसी विदेशी दबाव में नहीं चलेगी.
रूस से तेल नहीं खरीदने पर क्या असर होगा?
अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे, तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं. इससे आम जनता पर सीधा असर पड़ेगा और महंगाई भी बढ़ेगी. राजनीतिक तौर पर भी सरकार पर दबाव बढ़ेगा. साथ ही भारत को घरेलू तेल-गैस उत्पादन पर जोर देना होगा, जिससे इंपोर्ट पर निर्भरता कम हो सके.
भारत रूस से क्या-क्या खरीदता है?
Crude Oil: भारत रूस से ही सबसे ज्यादा तेल खरीदता है. 2024-25 में भारत ने कुल तेल आयात का करीब 35-39% हिस्सा रूस से लिया. मई 2025 में भारत ने 1.96 मिलियन बैरल प्रतिदिन रूस से तेल मंगाया, जो पिछले 10 महीनों में सबसे ज्यादा था.
Thermal Coal: भारत ने 2023 में रूस से 10.06 मिलियन मीट्रिक टन थर्मल कोयला इंपोर्ट किया, जो भारत के कुल कोयला आयात का करीब 6% था. यह कोयला बिजलीघरों और भारी उद्योगों के लिए जरूरी है.
Defence Equipment: पिछले 20 सालों में भारत ने रूस से करीब 40 अरब डॉलर के हथियार और रक्षा उपकरण खरीदे हैं. इसमें S-400 मिसाइल सिस्टम, टैंक, फाइटर जेट, युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं.
Fertilizers: भारत रूस से यूरिया और अन्य नाइट्रोजन आधारित केमिकल फर्टिलाइजर भी खरीदता है, जो कृषि क्षेत्र के लिए जरूरी हैं. इससे भारत के किसान काफी सस्ते दाम में फर्टिलाइजर्स खरीद सकते हैं.