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हर कोई देश क्यों नहीं बना सकता परमाणु हथियार? आखिर भारत ने कैसे बना लिए, जानें-सबकुछ

India nuclear arsenal: नौ परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र हैं, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और इजराइल शामिल हैं. बताया गया कि यह सभी देश अपने परमाणु आधुनिकीकरण कार्यक्रम को जारी रखे हुए हैं और मौजूदा हथियारों को एडवांस करने के साथ ही नया मौत का सामान भी जोड़ रहे हैं.

हर कोई देश क्यों नहीं बना सकता परमाणु हथियार? आखिर भारत ने कैसे बना लिए, जानें-सबकुछ

Nuclear Weapon Countries: पिछले कुछ दशकों में दुनिया में कई मोर्चों पर चल रही लड़ाई परमाणु हमले के खतरे का संकट पैदा करती है. इस दौरान इजरायल और ईरान के बीच तगड़ी जंग छिड़ी हुई है. जहां एक बार फिर बात परमाणु हथियारों के इस्तेमाल तक पहुंच गई है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर क्षेत्र को 'हमेशा के लिए युद्ध' की ओर धकेलने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि स्थिति 'परमाणु युद्ध के कगार' पर पहुंच रही है. तो आइए ऐसे में जानते हैं कि किन देशों के पास परमाणु हथियार हैं और कितने और ये भी जानेंगे कि हर कोई देश इतनी आसानी से अटम बम क्यों नहीं बना पाता?

नौ परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र हैं, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और इजराइल शामिल हैं. बताया गया कि यह सभी देश अपने परमाणु आधुनिकीकरण कार्यक्रम को जारी रखे हुए हैं और मौजूदा हथियारों को एडवांस करने के साथ ही नया मौत का सामान भी जोड़ रहे हैं.

9 देशों पर कुल कितने हथियार?
इन सभी देशों पर कुल मिलाकर लगभग 12,121 परमाणु हथियार हैं. यहां बड़ी बात ये कि इनमें 90 फीसदी सिर्फ US और रूस के पास है, जहां दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस के पास बताए जाते हैं. 

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया, भारत के पास पाकिस्तान से ज्यादा परमाणु हथियार हैं, जबकि चीन के पास भारत से तीन गुना ज्यादा परमाणु हथियार हैं. SIPRI की वार्षिक रिपोर्ट 2025 के अनुसार, जनवरी 2025 तक भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास अनुमानतः 170 हैं. जनवरी 2025 तक चीन के पास 600 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 24 तैनात हथियार हैं या मिसाइलों पर रखे गए हैं या ऑपरेशनल बलों के साथ ठिकानों पर स्थित हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि माना जाता है कि भारत ने 2024 में एक बार फिर अपने परमाणु शस्त्रागार का थोड़ा विस्तार किया है और नए प्रकार के परमाणु वितरण प्रणालियों का विकास जारी रखा है.

SIPRI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस और अमेरिका के पास नौ परमाणु सेनाओं में सबसे बड़ा सैन्य भंडार है, जो क्रमशः 5,459 और 5,177 है, जिसमें रिटायर हथियार भी शामिल हैं. उत्तर कोरिया के पास 50 तो इजयारल के पास 90 परमाणु हथियार बताए गए हैं.

हर कोई देश क्यों नहीं बना सकता परमाणु हथियार?
परमाणु हथियार बनाना कोई आसान काम नहीं होता. पहले तो इसे बनाने में जो सब सामान, जितनी मात्रा में चाहिए होगा, उसी उपलब्धता आसान नहीं, दूसरी ओर एक संधि है, जिस कारण भी कोई देश परमाणु हथियार बनाने में 100 बार सोचता है.

दरअसल, परमाणु बम एक जटिल वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के माध्यम से बनाए जाते हैं, जिनमें यूरेनियम संवर्धन से लेकर परमाणु विखंडन की जरूरतों समेत कई अन्य चीजों की जरूरत होती है. अब बात उस  संधि की करें तो इसे तोड़ने के मतलब है दुनिया भर से आर्थिक पाबंदियां झेलनी पड़ती हैं. साथ ही सैन्य हमले भी अन्य देशों द्वारा किए जा सकते हैं, जैसे कि ईरान में हो रहे हैं.

क्या है वो संधि और भारत ने कैसे बना लिए?
न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफेरेशन ट्रीटी (NPT) की बात कर रहे हैं, जो 1970 में लागू हुई. इस संधि पर 190 देशों ने साइन किए. तय ये हुआ कि अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन को छोड़कर अन्य कोई देश परमाणु हथियार नहीं बनाएगा. इन देशों को इसलिए छोड़ गया, क्योंकि तब तक इन्होंने ये हथियार बना लिए थे, लेकिन आगे इनको बढ़ावा ना मिले, इस कारण संधि की गई. हालांकि, बात भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया की करें तो ये देश या तो इस संधि का हिस्सा नहीं बने या फिर परमाणु परीक्षण करके इससे बाहर हो गए.

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