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MP में बीजेपी ने 'यादव' को क्यों बनाया मुख्यमंत्री, मोहन को आगे करने के पीछे ये है रणनीति

तीन बार के भाजपा विधायक मोहन यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत तब की जब वह एक छात्र थे. वह शिवराज सिंह चौहान की सरकार में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री बने.

MP में बीजेपी ने 'यादव' को क्यों बनाया मुख्यमंत्री, मोहन को आगे करने के पीछे ये है रणनीति
  • जानिए क्या बोले मोहन यादव
  • ऐसे लिखी गई स्क्रिप्ट

नई दिल्लीः मध्यप्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं जिन्हें हिंदुत्व का मुखर समर्थक माना जाता है. मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने हिंदू महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ को 2021 में कॉलेजों में वैकल्पिक विषय बनाने की घोषणा की थी. तीन बार के भाजपा विधायक मोहन यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत तब की जब वह एक छात्र थे. वह शिवराज सिंह चौहान की सरकार में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री बने. लेकिन यादव को सोमवार शाम को भोपाल में पार्टी के विधायकों की बैठक में भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे उनके लिए मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने का मार्ग प्रशस्त हो गया. 

RSS के करीबी हैं मोहन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के करीबी माने जाने वाले 58 वर्षीय मोहन यादव को एक मुखर हिंदुत्व समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है. वह उज्जैन दक्षिण से तीन बार विधायक हैं और एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं. मध्य प्रदेश में ओबीसी की संख्या राज्य की कुल आबादी के 48 प्रतिशत से अधिक है. वह पहली बार 2020 में मंत्री बने जब कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पतन के बाद भाजपा सत्ता में वापस आई. 

ऐसे रहा राजनीतिक सफर
यादव का जन्म 25 मार्च, 1965 को उज्जैन में हुआ था. उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर है. उन्होंने 1982 में माधव साइंस कॉलेज उज्जैन के संयुक्त सचिव के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1984 में इसके अध्यक्ष के रूप में चुने गए. यादव ने एलएलबी और एमबीए की डिग्री के अलावा डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री भी हासिल की. हिंदूवादी संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा, यादव युवा अवस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे और 1993 से 1995 तक वह उज्जैन शहर में इसके पदाधिकारी थे. 

वर्ष 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए यादव ने 2011-13 तक मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. वह 2018 और फिर 2023 में इस सीट से दोबारा चुने गए. शिवराज सिंह चौहान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार चेतन यादव को 12,941 वोटों के अंतर से हराया. 

वर्ष 2021 में, यादव ने स्नातक (बीए) के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए दर्शन विषय के तहत हिंदू महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ के पाठ को एक वैकल्पिक (वैकल्पिक) पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने की घोषणा की थी. उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपति पद के हिंदी नामकरण का नाम 'कुलपति' से 'कुलगुरु' करने का प्रस्ताव भी रखा था. 

उज्जैन से पहले सीएम
यादव मंदिरों के शहर उज्जैन से मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं. उनके उत्साही समर्थकों ने कहा कि भगवान महाकाल (भगवान शिव) के आशीर्वाद के कारण यादव को शीर्ष पद मिला. यादव ने 2004-2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. यह धार्मिक शहर हर 12 साल में सिंहस्थ (कुंभ) मेले का आयोजन करता है. यादव की पत्नी का नाम सीमा यादव है और उनके दो बेटे और एक बेटी है. 

क्या बोले मोहन यादव
भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के तुरंत बाद यादव ने कहा कि वह राज्य के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करेंगे और एक "छोटे कार्यकर्ता" पर विश्वास जताने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा को भारी बहुमत से जिताने वाले राज्य के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करूंगा. भाजपा ने एक छोटे कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी दी है. 

मैं पार्टी की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करूंगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को धन्यवाद देता हूं. मैं मोदी जी और (निवर्तमान) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई कल्याण और विकास (योजनाओं) पर काम करूंगा.

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