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भारत के पास बतेहरे फाइटर जेट्स, फिर राफेल ही क्यों बना पाक का काल?

भारत ने बीती आधी रात में पाकिस्तान में हमला कर हंगामा मचा दिया. इस मिशन को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया. इसके लिए भारतीय सेना ने खासतौर पर राफेल फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था. राफेल को ही चुनने के एक अद्भुत कहानी है.

भारत के पास बतेहरे फाइटर जेट्स, फिर राफेल ही क्यों बना पाक का काल?
  • भारत ने राफेल को ही क्यों चुना
  • राफेल में छिपी हैं कई खूबियां

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले पर भारत ने आखिरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे दिया है. पहलगाम हमले में ज्यादातर टूरिस्ट्स को निशाना बनाया गया था, जिसमें अपने परिवारों और पत्नी के साथ घूमने आए पुरुषों की हत्या की गई. ऐसे में इस हमले को भी भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया. पहलगाम हमले का बदला लेते हुए भारत ने Pok के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. ये वही जगहें थीं जहां से आतंकवादी अपने हमलों की योजना बनाते थे.

'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए चाहिए थे सटीक हमले वाले हथियार
'ऑपरेशन सिंदूर' भारतीय सेना और वायुसेना का एक संयुक्त मिशन था, जिसमें ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया जो सटीक हमला करने में माहिर हैं. इस ऑपरेशन के लिए भारत ने फ्रांस से खरीदे गए फाइटर जेट राफेल का इस्तेमाल किया. इसी से स्कैल्प मिसाइल दागी गई है. बता दें कि स्कैल्प वो मिसाइल है जिसे फाइटर जेट के जरिए ही दागा जा सकता है. इसके लिए राफेल को सबसे अच्छा माना गया. यह मिसाइल, राफेल जेट्स का ही एक अहम हिस्सा है.

राफेल को मिला स्कैल्प का साथ
स्कैल्प एक क्रूज मिसाइल है, जिसे यूरोप की डिफेंस कंपनी MBDA ने तैयार किया है. भारत के पास जल्द ही 26 राफेल फाइटर जेट्स होंगे और भारतीय वायुसेना ने अपने सभी राफेल को स्कैल्प मिसाइलों से लैस किया है. इन दोनों की जोड़ी को अगर 'जय-वीरू' की जोड़ी कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा, क्योंकि राफेल और स्कैल्प साथ आकर और दमदार हो जाते हैं. एक ओर राफेल ध्वनि की गति से भी तेज वहीं स्कैल्प मिसाइल की मार क्षमता इसे और मजबूत बना देती है.

स्कैल्प में हैं ये खूबियां
राफेल और स्कैल्प की जोड़ी ने ही 'ऑपरेशन सिंदूर' को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है. 1300 किमी वजन वाली स्कैल्प में 400 किमी तक विस्फोटक सामग्री ले जाने की क्षमता है. राफेल को एक ओमनिरोल जेट के तौर पर रखा गया है, यानी वो विमान जो कई तरह की भूमिकाएं निभा सकता है. जैसे एक विमान हवा से हवा में जंग और हवा में ही बमबारी करने की क्षमता रखता है. ऐसे में राफेल को पूरी दुनिया में सर्वाधिक सक्षम विमान के तौर पर देखा जाता है.

4.5 जनरेशन का फाइटर जेट है राफेल
4.5 जनरेशन का राफेल जेट ग्राउंड अटैक, एंटी शिप अटैक और डेप्थ स्ट्राइक करने में सक्षम है. इस विमान 24,500 किलो तक वजन लेकर उड़ान भर सकता है. इसकी अधिकतम रफ्तार 1,389 किमी प्रति घंटे की रफ्तार है, इसके अलावा यह एक बार में 3,700 किमी तक का सफर तय कर सकता है. हालांकि, 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए राफेल भारत के पास इकलौता ऑप्शन नहीं था.

भारत ने ऐसे राफेल को चुना
दरअसल, भारतीय वायुसेना को अंतरराष्ट्रीय विमान निर्माताओं की ओर से बेहतरीन फाइटर जेट्स का ऑफर दिया गया था. इसमें भारत ने छह बड़ी फाइटर जेट कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया. इस लिस्ट में लॉकडीह मार्टिन का F-16, रूस का मिग-35, बोइंग F/A-18S, स्वीडन की साब का ग्रिपेन, यूरोफाइटर टाइफून और राफेल भी शामिल थे. इसके बाद सभी विमानों का परीक्षण किया गया. इनकी कीमतों का भी ध्यान रखा गया, और आखिरकार कीमत और क्षमताओं के आधार पर राफेल को ही बेहतर माना गया.

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