भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़े तनाव में पूरी दुनिया को भारतीय सेना की ताकत का अंदेशा तो लग ही गया है. भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के ज...
ब्रह्मोस की मौजूदा रेंज 290 किलोमीटर, एडवांस वर्जन की रेंज 500 से 800 किलोमीटर है. वहीं इसकी विस्फोटक क्षमता 200 से 300 किलोग्राम हाई-एक्सप्लोसिव है. साथ ही यह मिसाइल मैक 2.8 से 3 (ध्वनि की गति से भी अधिक) स्पीड के साथ दुश्मनों को चकमा दे पाने में सक्षम है.
ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर बनाया है, जिसे बनाने में कुल 250 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2,135 करोड़ रुपये की लागत आई है. वहीं इसे बनाने के लिए 50.5% भारत की और 49.5% हिस्सेदारी रूस की रही है.
ब्रह्मोस की एक प्रोडक्शन यूनिट बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. साथ ही इसकी एक मिसाइल की मार्केट की कीमत लगभग 34 करोड़ रुपये है. भारत के पास ब्रह्मोस के अलावा, अग्नि, पृथ्वी और प्रलय जैसी मिसाइलें भी हैं.
इस मिसाइल की एक्युरेसी, स्पीड और ताकत ही इसे भारत की सबसे भरोसेमंद हथियारों की लिस्ट में रखती है. यह जमीन, हवा और समुद्र तीनों माध्यमों से दुश्मन को जवाब देने में सक्षम है. इसकी जवाबदेही ही शत्रुओं के लिए बड़ा खतरा बन गई है.
ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर बनाया है, साथ ही इसका नाम भी दोनों देशों की नदियों पर रखा गया है, जिसमें भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नामों का प्रयोग किया गया है. ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है.