भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-DRDO ने इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम यानी IDD&IS Mk-IIA का सफल परीक्षण कर लिया है. यह 30 किलोवाट का लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन-DEW सिस्टम है, जिसे भारत ने पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाया है.
अब इस 30 किलोवाट के लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम को निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी हो रही है, ताकि इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन हो सके. मुमकिन है कि ये वेपन पूरी दुनिया में धूम मचा सकता है. ऐसी उम्मीद है कि कई देश इसकी डिमांड कर सकते हैं.
IDD&IS Mk-IIA को हैदराबाद के सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेज-CHESS ने DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों के साथ मिलकर विकसित किया है. इसने अप्रैल में हुए टेस्ट में ड्रोन और स्वार्म ड्रोन को नष्ट करने की क्षमता दिखाई. यह 3.5 से 5 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन, कम ऊंचाई के खतरों और निगरानी सेंसर को सेकंडों में नष्ट कर सकता है.
DRDO ने इससे पहले भी लेजर बेस्ड वेपन बनाए हैं. अप्रैल 2025 में 2 किलोवाट के Mk-I DEW ने LoC के पास एक चीनी ड्रोन को नष्ट किया था. भारतीय सेना ने 400 करोड़ रुपये की लागत से 23 IDD&IS सिस्टम को अपनाया है, जिनमें 2 किलोवाट के लेजर हैं.
IDD&IS Mk-IIA को भारत ने 'सहस्त्र शक्ति' नाम दिया गया है. लेजर वेपन विकसित कर भारत, अमेरिका और रूस जैसे देशों की लिस्ट में आ गया है. ये वेपन बिजली की रफ्तार से लक्ष्य को निशाना बनाता DRDO अब 50-100 किलोवाट और 300 किलोवाट के 'सूर्या' सिस्टम पर काम कर रहा है.