अमेरिका के 5वीं पीढ़ी के F-35 फाइटर जेट की अक्सर चीन के J-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान से तुलना होती है. J-35 स्टील्थ जेट भी 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट है. चीन अपने जेट्स को हमेशा ही बढ़ा-चढ़ाकर बताता है. लेकिन अब अमेरिका ने साबित कर दिया है कि असली 'सुपरपावर' किसके पास है.
दरअसल, F-35A लाइटनिंग II लड़ाकू विमान को 'B61-12 परमाणु बम' कैरी करने का सर्टिफिकेट मिल चुका है. इसका सीधा-सा मतलब है कि अमेरिकी जेट की मारक क्षमता में तगड़ा इजाफा हो गया है. ये जेट अब चीनी विमान से अधिक खतरनाक होगा. अब चीन के लिए चिंता खड़ी हो गई है.
बता दें कि F-35 लड़ाकू विमान को जो B61-12 परमाणु बम कैरी करने की इजाजत मिली है, वह एकन्यूक्लियर ग्रेविटेशनल बम है. यह बम अपने पुराने वर्जन से अधिक घातक होने वाला है. इसको अमेरिकी F-35A जेट से दागा जा सकता है. जबकि चीनी जेट के पास ऐसी ताकत नहीं है.
अमेरिकी F-35 लड़ाकू विमान स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है. इसका मतलब है कि इस लड़ाकू विमान को रडार आसानी से ट्रैक नहीं कर सकते. ये दुनिया के आधुनिक रडार को भी चकमा देने की क्षमता रखता है. इसका एडवांस सेंसर फ्यूजन सिस्टम कई सेंसरों से मिले प्राप्त डेटा को इकट्ठा करता है.
F-35 फाइटर जेट परमाणु और पारंपरिक हथियार ले जाने के काबिल हैं, जिनसे दुश्मन को तबाह किया जा सकता है. यह इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टार्गेटिंग सिस्टम और उन्नत रडार से लैस है.