लड़ाकू विमानों की दुनिया में एक तरफ अमेरिका का सबसे महंगा और अत्याधुनिक F-35 लाइटनिंग II है, और दूसरी तरफ भारत का स्वदेशी और किफायती...
अमेरिकी F-35 एक 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जबकि तेजस एक 4+ पीढ़ी का एक हल्का लड़ाकू विमान है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इन दोनों विमानों में कई ऐसी चौंकाने वाली समानताएं हैं, जो इन्हें आधुनिक इंजीनियरिंग की एक ही सोच का हिस्सा बनाती हैं? आइए आसान भाषा में समझते हैं.
इन दोनों विमानों की डिजाइन और निर्माण में कुछ ऐसी तकनीकें और सामग्रियां इस्तेमाल हुई हैं, जो इन्हें एक समान बनाती हैं. इसमें, कार्बन-फाइबर कंपोजिट का इस्तेमाल सबसे बड़ी समानता है. तेजस मार्क 1ए का 90% से ज्यादा बाहरी हिस्सा कार्बन-फाइबर कंपोजिट से बना है. वहीं, F-35 के संरचनात्मक वजन का 35-40% हिस्सा भी कंपोजिट से बना है. कंपोजिट मटेरियल हल्का होने के साथ-साथ बहुत मजबूत भी होता है, जो लड़ाकू विमान को बेहतर प्रदर्शन और ईंधन दक्षता देता है.
तेजस और F-35 दोनों में ही ग्लास कॉकपिट है. यानी कि, यहां एनालॉग गेज की जगह पूरी तरह से डिजिटल स्क्रीन लगी हैं. इससे पायलट का काम आसान होता है और उसे युद्ध की स्थिति की बेहतर जानकारी मिल पाती है.
दोनों विमानों के रखरखाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है. दोनों में क्विक-एक्सेस पैनल और मॉड्यूलर लाइन-रिप्लेसेबल यूनिट्स का इस्तेमाल किया गया है. इसका मतलब यह है कि किसी भी हिस्से में खराबी आने पर उसे आसानी से बदला जा सकता है, जिससे विमान को ठीक करने में लगने वाला समय कम होता है और उसकी लागत भी घटती है.
दोनों विमान 'सेंसर फ्यूजन' जैसी तकनीक का भी इस्तेमाल करते हैं. इसका मतलब है कि विमान के सभी सेंसर से मिलने वाली जानकारी को एक साथ मिलाकर पायलट के सामने पेश किया जाता है, जिससे उसे युद्ध की स्थिति की एक स्पष्ट तस्वीर मिल जाती है.
दोनों विमानों में 'ओपन मिशन सिस्टम' का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब है कि इन विमानों के सॉफ्टवेयर को आसानी से अपग्रेड किया जा सकता है. यह तकनीक विमान को हमेशा अप-टू-डेट रखने में मदद करती है.
इसके अलावा, दोनों ही विमान सिंगल-इंजन फाइटर जेट हैं. क्योंकि सिंगल-इंजन विमान बनाना, संचालित करना और उनका रखरखाव करना सस्ता होता है. साथ ही, उनका वजन भी कम होता है, जिससे वे ज्यादा फुर्तीले होते हैं. ऐसे में, यह साबित करता है कि भले ही तेजस और F-35 अलग-अलग दुनिया के विमान हों, लेकिन आधुनिक तकनीक और इंजीनियरिंग की सोच ने उन्हें कई मायनों में एक जैसा बना दिया है. जिसमें तेजस सस्ता होने के साथ-साथ कड़ी टक्कर देने वाला लड़ाकू विमान है.