जब भी भारत की सबसे बड़ी और सबसे चर्चित जेल की बात होती है, तो सबसे पहले तिहाड़ जेल का नाम सामने आता है. ये सिर्फ एक जेल नहीं, बल्कि ...
तिहाड़ जेल भारत की सबसे बड़ी और सबसे चर्चित जेलों में से एक है. ये दिल्ली के पश्चिमी इलाके में स्थित है और इसका पूरा परिसर करीब 400 एकड़ में फैला हुआ है. इतने बड़े एरिया में बनी ये जेल एक छोटे शहर जैसी लगती है. यहां एक साथ हजारों कैदी रहते हैं.
इस जेल की शुरुआत 1958 में हुई थी. उस वक्त इसे सिर्फ 750 कैदियों के लिए बनाया गया था. बाद में जब दिल्ली में अपराध और कैदियों की संख्या बढ़ी, तो इस जेल को भी धीरे-धीरे बड़ा किया गया. आज यह देश की सबसे बड़ी जेल बन चुकी है.
तिहाड़ जेल को दिल्ली प्रशासन ने बनवाया था. लेकिन 1980 के बाद इसका पूरा कंट्रोल दिल्ली सरकार के हाथ में आ गया. इस जेल को सुधार की दिशा में बेहतर बनाने में आईपीएस किरण बेदी का बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने यहां कई तरह के सुधारा करने वाले काम किए.
तिहाड़ जेल की ऑफिशियल क्षमता करीब 5,200 कैदियों की है. लेकिन यहां अक्सर 10,000 से भी ज्यादा कैदी बंद रहते हैं. यानी जितनी जगह है, उससे करीब दो गुना ज्यादा लोग यहां मौजूद होते हैं.
तिहाड़ जेल में सिर्फ सजा काटी नहीं जाती, बल्कि सुधार की कोशिश भी होती है. यहां पढ़ाई, ट्रेनिंग, कामकाज और काउंसलिंग जैसी सुविधाएं दी जाती हैं, ताकि कैदी जब बाहर जाएं तो एक बेहतर इंसान बनकर समाज में लौटें. यहां कैदियों से बेकरी का सामान, किताबें और दूसरे प्रोडक्ट भी बनवाए जाते हैं, जो बाहर बेचे जाते हैं.
देश के कई बड़े मामलों में शामिल हाई-प्रोफाइल नेता, बिजनेसमैन और अपराधियों को भी तिहाड़ जेल में ही रखा गया है. इसकी वजह है यहां की सख्त सुरक्षा व्यवस्था. पूरे परिसर में CCTV कैमरे और सख्त निगरानी रहती है.
तिहाड़ को सिर्फ एक जेल नहीं माना जाता, बल्कि इसे एक ऐसा सिस्टम भी कहा जा सकता है जहां इंसान को गलती का एहसास कराने के साथ-साथ सुधरने का मौका भी मिलता है.