भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए संघर्ष के दौरान रूस के एयर डिफेंस सिस्टम S-400 ने भारत की ओर से पाक को कड़ा जवाब दिया. पाक की कई खतरनाक मिसाइलें इस वायु रक्षा प्रणाली का शिकार हुई थीं. तब दुनिया ने इस डिफेंस सिस्टम का लोहा मान लिया था. भारत का भी S-400 पर भरोसा बढ़ गया था.
बता दें कि भारत ने 2018 में रूस से समझौता किया, जिसके तहत रूस को 2021 से 2023 के बीच पांच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम देने थे. रूस ने पहले तीन साल डिफेंस सिस्टम तो 2021 के आखिर तक ही सौंप दिए थे. लेकिन बाकी 2 की अब तक डिलीवरी नहीं हुई.
हालांकि, रूस ने हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आश्वस्त किया कि S-400 की अगली डिलीवरी जल्द ही मिल जाएगी. चीन में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव की भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात हुई, तब ये आश्वासन मिला.
लेकिन एक्सपर्ट्स इस बार में कयास लगा रहे हैं कि रूस के साथ ऐसा क्या हुआ कि उसने S-400 की डिलीवरी टाइम पर नहीं की. इसमें कई एंगल सामने आए हैं. एक तो ये कि मुमकिन है कि यूक्रेन से युद्ध लड़ने के चक्कर में रूस को देरी हो रही हो, शायद वह पहले अपनी आपूर्ति कर रहा हो.
इसके अलावा, कई एक्सपर्ट मानते हैं कि भारत का दुश्मन चीन रूस पर दबाव बना सकता है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में S-400 की ताकत को देखकर चीन नहीं चाहेगा कि भारत के पास ऐसा पावरफुल डिफेंस सिस्टम हो. बहरहाल, ये तो भविष्य ही बता पाएगा कि रूस का क्या रुख रहता है.