रूस के पास दुनिया के पावरफुल हथियार हैं, मिलिट्री पावर में भी यह देश टॉप-3 में है. लेकिन इसके पास भी कुछ कबाड़ कहे जाने वाले सैन्य उपकरण हैं, जो सिरदर्द बन चुके हैं. इन्हीं में से एक एडमिरल कुजनेत्सोव एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसका अब रिटायर होने का टाइम आ चुका है. इसे रूस का 'शापित' एयरक्राफ्ट कैरियर भी कहा जाता है. चलिए, इसके पीछे की कहानी जानते हैं.
सबसे पहले तो ये जान लें कि रूस को अब इस शापित एयरक्राफ्ट कैरियर से मुक्ति मिलने वाली है. रूस इस एयरक्राफ्ट कैरियर को आखिरी विदाई देने की तैयारी कर चुका है. पहले की रिपोर्ट्स में ये बात सामने आई थी कि इसको अपग्रेड किया जा रहा है. इसमें आधुनिक रूसी हथियार लैस किए जा रहे हैं, लेकिन अब रिपोर्ट बताती हैं कि रूस इससे पीछा छुड़ाने वाला है.
रूस के अखबार इजवेस्तिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि एडमिरल कुजनेत्सोव विमानवाहक पोत को रूसी रक्षा मंत्रालय अपग्रेड नहीं करने वाला. रूसी नौसेना के कमांडर इन चीफ और यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन बेहद जल्द इस एयरक्राफ्ट कैरियर से मुक्ति पाने पर आखिरी फैसला लेंगे.
दरअसल एडमिरल कुजनेत्सोव एयरक्राफ्ट कैरियर 1985 में लॉन्च किया गया. जब से ये लॉन्च हुआ, तब से ही यह दिक्कतों से घिरा रहा. ज्यादातर वक्त इसमें तकनीकी खामियां ही रहीं. दावा तो ये भी है कि इसे ये वैसा नहीं बना था, जैसी उम्मीदें थीं. यह अमेरिका या फ्रांस के एयरक्राफ्ट कैरियर्स जितना पावरफुल नहीं रहा. 2016 में सीरिया में इसका आखिरी डिप्लॉयमेंट था, जहां इस पर तैनात लड़ाकू विमानों पर आतंकवादियों ने सैकड़ों हमले किए.
ये एयरक्राफ्ट कैरियर कभी तकनीकी समस्या झेलता रहा, कभी दुर्घटना का शिकार हुआ, तो कभी इस पर आग लग गई. एक बार तो मरम्मत करते हुए ही इसका फ्लोटिंग डॉक डूब गया. तब इसके डेक में 200 वर्ग फुट का बड़ा छेद हुआ. यही कारण है कि इसे शापित कहा जाता है.