भारतीय सेना के वाहन सिर्फ युद्ध या ऑपरेशन के लिए ही नहीं होते, बल्कि उनमें ऐसी खूबियां होती हैं, जो उन्हें आम गाड़ियों से अलग बनाती ...
टाटा मोटर्स की इस SUV को खासतौर पर भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया है. GS800 वर्जन में General Service के तहत गाड़ी को ज्यादा दमदार इंजन (2.2L Varicor) और 4x4 ड्राइव के साथ तैयार किया गया. इसकी बनावट इतनी मजबूत है कि यह ऊबड़-खाबड़ सड़कों, बर्फीले इलाकों और रेगिस्तान में आसानी से चल सकती है. हालांकि, आम बाजार में मिलने वाली सफारी स्टॉर्मे थोड़ी अलग है, लेकिन उसका लुक और फील काफी हद तक आर्मी वर्जन से मिलता-जुलता है.
स्कॉर्पियो भारतीय सेना में लंबे समय से शामिल है. इसकी मजबूती, ऊंचे ग्राउंड क्लीयरेंस और 4WD विकल्प इसे कठिन इलाकों के लिए एक आदर्श वाहन बनाते हैं. खासकर पहाड़ी इलाकों और सीमा पर तैनात जवानों के लिए यह बहुत उपयोगी साबित हुई है. बाजार में मिलने वाली स्कॉर्पियो क्लासिक और स्कॉर्पियो-N भी वही मजबूती और परफॉर्मेंस देती हैं, जिससे यह आम ग्राहकों की भी पसंदीदा SUV बन चुकी है.
फोर्स गुरखा की पहचान एक हार्डकोर ऑफ-रोडर के रूप में होती है. सेना के लिए यह गाड़ी इसलिए चुनी गई क्योंकि इसमें डिफरेंशियल लॉक, स्नॉर्कल और 700 मिमी पानी में ड्राइविंग क्षमता मौजूद है. यदि आप ट्रेकिंग, जंगल सफारी या एक्स्ट्रीम राइडिंग के शौकीन हैं, तो गुरखा आपके लिए बिल्कुल सही विकल्प हो सकती है. इसका नया BS6 मॉडल भी आम लोगों के लिए उपलब्ध है.
टाटा सुमो एक वक्त में भारतीय सड़कों पर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली SUV थी. इसकी सादगी, टिकाऊपन और बड़ी जगह ने इसे सेना के लिए एक भरोसेमंद साथी बना दिया था. हालांकि, अब इसका प्रोडक्शन बंद हो चुका है, लेकिन सेकेंड हैंड मार्केट में यह आज भी उपलब्ध है और पहाड़ी इलाकों में आज भी दमखम से दौड़ती नजर आती है.
जिप्सी को भारतीय सेना में दशकों से इस्तेमाल किया जा रहा है. इसकी हल्की बॉडी, मजबूत 4x4 सिस्टम और आसान मेंटेनेंस के कारण यह दूर-दराज के इलाकों में जवानों की सबसे भरोसेमंद गाड़ी बनी. हालांकि, जिप्सी का प्रोडक्शन 2019 में बंद कर दिया गया, लेकिन सेना के लिए यह अब भी खास ऑर्डर पर बनती है. इसके चाहने वाले आज भी सेकंड हैंड गिप्सी को खोजते रहते हैं.