इंडियन आर्मी को सिर्फ हथियारों को नहीं, बल्कि मजबूत और भरोसेमंद गाड़ियो की भी जरूरत पड़ती है. ऊंचे पहाड़ों से लेकर रेगिस्तान तक, हमा...
इसे DRDO और Tata ने मिलकर बनाया है. यह एक 8x8 बख्तरबंद गाड़ी है जो ना सिर्फ जमीन पर, बल्कि पानी में भी चल सकती है. इसमें मशीन गन या ऑटोमैटिक कैनन लगाने की भी सुविधा होती है. इसे Tata Kestrel के नाम से भी जाना जाता है. इसका इस्तेमाल बॉर्डर पर पेट्रोलिंग या खास मिशनों में किया जाता है.
टाटा सफारी का यह खास वर्जन सेना के लिए तैयार किया गया है. GS800 का मतलब होता है General Service 800, यानी 800 किलो वजन उठाने की क्षमता. इसे खास तौर पर कठिन रास्तों और ऊंचाई वाले इलाकों में चलाने के लिए बनाया गया है. इसमें 4x4 ड्राइव, पावरफुल इंजन और एयर कंडीशनिंग जैसी सुविधाएं मिलती हैं. 2016 में सेना ने करीब 3,000 से ज्यादा ऐसी गाड़ियां खरीदी थीं.
ये गाड़ियां असली मायने में सेना के लिए तैयार की गई हैं. LPTA सीरीज में अलग-अलग साइज और कैपेसिटी के ट्रक आते हैं जैसे 4x4, 6x6, 8x8, 10x10 और 12x12. इनका इस्तेमाल सेना हथियार, सामान और यहां तक कि मिसाइल सिस्टम ले जाने में भी करती है. साल 2015 में आर्मी ने 1,200 से ज्यादा LPTA ट्रकों का ऑर्डर दिया था.
यह एक बख्तरबंद गाड़ी है जिसे सैनिकों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें 10–12 जवान एक साथ सफर कर सकते हैं. यह गाड़ी गोलियों और छोटे धमाकों से सुरक्षा देने में सक्षम है. इसमें एयर कंडीशनिंग, रूफ हैच और हथियार लगाने की सुविधा भी मिलती है.
यह गाड़ी खास तौर पर माइन ब्लास्ट से सुरक्षा के लिए बनाई गई है. इसका इस्तेमाल सेना के साथ-साथ अर्धसैनिक बल और संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भी होता है. इसमें 6 से 10 सैनिक आराम से बैठ सकते हैं और यह नक्सल प्रभावित इलाकों में भी काम आती है. इसका डिजाइन ऐसा है कि माइन फटने की स्थिति में अंदर बैठे जवान सुरक्षित रहें.