टी-शर्ट, जिसे आज हर उम्र के लोग पहनते हैं चाहे बच्चे हों या बूढ़े. कॉलेज जाना हो, ऑफिस में कूल लुक चाहिए हो या फिर घर में आराम से रह...
टी-शर्ट का इतिहास 19वीं सदी के अंत से जुड़ा है. उस समय ठंड से बचने के लिए union suit नाम के एक पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े को दो हिस्सों में काट दिया गया. ऊपर का हिस्सा बाद में टी-शर्ट बना. 1902 में एक कंपनी ने इसे दो हिस्सों में बनाकर बेचने की शुरुआत की. फिर 1913 में अमेरिका की नौसेना ने इसे अपने सैनिकों को अंडरशर्ट की तरह पहनाना शुरू किया. इसका फायदा ये था कि ये हल्की थी, पहनने में आसान थी और जल्दी सूख जाती थी.
इस कपड़े का नाम टी-शर्ट इसलिए पड़ा क्योंकि इसका आकार अंग्रेजी के अक्षर 'T' जैसा होता है, दोनों बाजू फैले हुए और नीचे लंबा हिस्सा. 1920 में पहली बार एक अमेरिकी लेखक ने इसे अपनी किताब में T-shirt लिखा और तभी से यह नाम पॉपुलर हो गया.
भारत में टी-शर्ट 20वीं सदी के बीच यानी 1950 से 60 के दशक में पहुंची. उस समय भारत में पश्चिमी संस्कृति और फैशन का असर बढ़ रहा था. जब हॉलीवुड के एक्टर्स जैसे मार्लन ब्रैंडो और जेम्स डीन ने फिल्मों में टी-शर्ट पहननी शुरू की, तो भारत के युवा भी इससे प्रभावित हुए.
टी-शर्ट आरामदायक थी, पहनने में आसान थी और मौसम के हिसाब से भी ठीक बैठती थी. कॉलेज जाने वाले युवाओं और शहरों में रहने वाले लोगों को ये खास तौर पर पसंद आई. 1980-90 के दशक में इसमें ग्राफिक प्रिंट और बॉलीवुड डायलॉग्स आने लगे, जिससे ये और भी स्टाइलिश बन गई.
अब टी-शर्ट सिर्फ पहनने की चीज नहीं रही, बल्कि ये फैशन, सोच और पर्सनैलिटी को दिखाने का जरिया बन चुकी है. लोग अब ऐसे टी-शर्ट पहनते हैं जिन पर उनके विचार, पसंदीदा कलाकार, या कोई मैसेज लिखा होता है.