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किस देश को कहा जाता है 'भारत का दरवाजा'? जो सदियों तक तय करता रहा हिंदुस्तान की किस्मत

Gate of India: यह एक ऐसा देश है, जिसका नाम सुनकर कई लोगों को आश्चर्य हो सकता है, लेकिन सदियों तक यही वह देश था, जहा...

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भारत का दरवाजा
भारत का दरवाजा

इस देश की भौगोलिक स्थिति ने ही इसे भारतीय इतिहास का एक ऐसा महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया था, जिसके बिना कई बड़े बदलाव संभव नहीं थे. यहीं से दुनिया ने भारत में प्रवेश किया और देश के वैभवशाली इतिहास व उन्नति से रूबरू हुआ. आइए उस देश के बारे में और उसके इतिहास व भगौलिक स्थिति को जानते हैं.

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'भारत का दरवाजा' किस देश को कहते हैं?
'भारत का दरवाजा' किस देश को कहते हैं?

भारत का दरवाजा कोई और देश नहीं, बल्कि अफगानिस्तान है. अफगानिस्तान का इतिहास, भारत के इतिहास से बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है. इसकी भौगोलिक स्थिति इसे मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व के बीच एक चौराहे पर खड़ा करती है. यही कारण था कि यह सिल्क रूट के व्यापार मार्गों का भी एक अहम हिस्सा था. लेकिन, इसकी सबसे बड़ी अहमियत हिंदू कुश पर्वतों और उससे निकलने वाले दर्रों, जैसे कि खैबर दर्रा, की वजह से थी. ये दर्रे ही भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश का एकमात्र प्राकृतिक रास्ता थे.

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जब भारत पर हमलावर इसी रास्ते से आते थे
जब भारत पर हमलावर इसी रास्ते से आते थे

इतिहास की कई किताबों में इस बात का जिक्र मिलता है कि अफगानिस्तान हमेशा से ही भारत पर हमला करने वाले बाहरी शक्तियों के लिए एक मंच रहा है. सबसे पहले सिकंदर ने इसी रास्ते से भारत पर हमला किया था. इसके बाद मध्य एशिया से आए शक, कुषाण और हूणों जैसे कई आक्रमणकारियों ने भी इसी रास्ते से भारत में प्रवेश किया था.

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महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी भी आए
महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी भी आए

इतना ही नहीं बाद के समय में, महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी जैसे तुर्क और अफगान शासकों ने भी इसी रास्ते का इस्तेमाल करके भारत पर आक्रमण किया था. यहां तक कि बाबर, जिसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी, वह भी अफगानिस्तान के रास्ते से ही आया था.

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इतिहास की किताबों में जिक्र
इतिहास की किताबों में जिक्र

पीटर हॉपकिर्क द्वारा लिखी गई किताब 'द ग्रेट गेम' किताब में बताया गया है कि कैसे रूस और ब्रिटेन जैसी साम्राज्यवादी ताकतें भी भारत पर अपनी पहुंच बनाने के लिए अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने की कोशिश करती थीं. यह इस बात का सबूत है कि सदियों से इस देश का रणनीतिक महत्व कितना ज्यादा था.

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संस्कृति का भी था रास्ता
संस्कृति का भी था रास्ता

अफगानिस्तान सिर्फ युद्ध और आक्रमणों का रास्ता नहीं था, बल्कि यह भारत के लिए व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम था. इसी रास्ते से बौद्ध धर्म और बाद में इस्लाम भारत के कई हिस्सों में फैला था. कला, संस्कृति, भाषा और व्यापार भी इसी रास्ते से भारत और मध्य एशिया के बीच फले-फूले. आज भी भारतीय और अफगान संस्कृति में कई समानताएं देखने को मिलती हैं, जो सदियों पुराने इस रिश्ते की गवाही देती हैं.

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तय की भारत की किस्मत
तय की भारत की किस्मत

इस तरह, अफगानिस्तान सचमुच में भारत का वह 'दरवाजा' था, जिसने सदियों तक भारतीय उपमहाद्वीप में आने-जाने वाले हर व्यक्ति की दिशा तय की. इसका इतिहास आज भी हमें यह बताता है कि कैसे भौगोलिक स्थिति किसी देश की किस्मत को गढ़ सकती है.

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