बचपन में जनरल नॉलेज तो हर किसी ने पढ़ा होगा, लेकिन उसके कुछ सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब हमारे जेहन में बस गए हैं. जिसमें एक सवाल ह...
माउंट एवरेस्ट को व्यापक रूप से दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है. माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 29,032 फीट (8,849 मीटर) है. माउंट एवरेस्ट चीन और नेपाल के बॉर्डर पर स्थित एक पर्वत है.
नेपाल में इसे 'सागरमाथा' के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'आकाश का माथा', जबकि तिब्बत में इसे 'चोमोलुंगमा' कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'पृथ्वी की देवी मां'.
यह दुनिया भर से पहाड़ चढ़ने वालों को आकर्षित करता है, हालांकि इसकी लोकप्रियता के कारण यहां भीड़भाड़ और पर्यावरण संबंधी चिंताएं पैदा हो गई हैं. जिसको लेकर तमाम संगठन बचाव के लिए काम कर रहे हैं.
बता दें कि माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा पहाड़ नहीं है. बल्कि, मौना केआ (mauna kea) दुनिया का सबसे ऊंचा पहाड़ है. मौना केआ पहाड़ की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 10,000 मीटर से अधिक है. यह एक ज्वालामुखी है. जो इसे माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचा बनाता है.
मौना केआ हवाई द्वीपसमूह के हवाई आईलैंड पर स्थित है. यह पहाड़ प्रशांत महासागर से ऊपर उठता है, और इसका आधार समुद्र तल से नीचे तक फैला हुआ है. साथ ही इसे हवाईयन में 'मौना ए वेकिया' के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'आकाश पिता का पर्वत' है.
आप मौना केआ पर चढ़ सकते हैं, लेकिन बता दें कि इस पर चढ़ना इतना आसान नहीं है. दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत (मौना केआ) की चढ़ाई करने के लिए शारीरिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है. इस पहाड़ की चढ़ाई एक शारीरिक चुनौती है. हालांकि इसपर चढ़ने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.
ऐसे में यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि दुनिया का सबसे बड़ा पहाड़ कौन-सा है, तो इसका सही जवाब है- मौना लोआ (Mauna loa). यह दुनिया का सबसे बड़ा पहाड़ है, जो कि हावाली देश में स्थित है. यह एक एक्टिव वोल्केनो यानी ज्वालामुखी है, जिसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई मिलाकर 42,000 घन किलोमीटर है. इससे बड़ा पहाड़ दुनिया में कहीं भी नहीं है.