trendingNow1zeeHindustan2064334
Hindi news >> Zee Hindustan>> Ram Mandir Ayodhya
Advertisement

Ram Mandir: 'प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी कर सकते हैं मंदिर का निर्माण', श्री श्री रविशंकर का बड़ा बयान

Ram Mandir: सोमवार 22 जनवरी को अयोध्या में बने राम मंदिर का उद्घाटन समारोह है. इसे लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश-विदेश से कुल 8000 लोगों को आमंत्रित किया गया है. इन लोगों में शंकराचार्यों का नाम भी शामिल है. हालांकि, ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को अशास्त्रीय बताते हुए कार्यक्रम में आने से मना कर दिया है.

Ram Mandir: 'प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी कर सकते हैं मंदिर का निर्माण', श्री श्री रविशंकर का बड़ा बयान
  • 'प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी जारी रह सकता है मंदिर निर्माण'
  • '500 साल पहले हुई गलती को सुधारा जा रहा'
     

नई दिल्लीः सोमवार 22 जनवरी को अयोध्या में बने राम मंदिर का उद्घाटन समारोह है. इसे लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश-विदेश से कुल 8000 लोगों को आमंत्रित किया गया है. इन लोगों में शंकराचार्यों का नाम भी शामिल है. हालांकि, ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को अशास्त्रीय बताते हुए कार्यक्रम में आने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि शास्त्र के अनुसार जब तक मंदिर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकता है. 

वहीं, अब आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने बुधवार को कहा कि ऐसे कई उदाहरण है जिनमें मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर का निर्माण पूरा हुआ. रविशंकर ने कहा कि शंकराचार्य एक अलग मत का अनुसरण करते हैं, लेकिन कई अन्य प्रावधान भी हैं जो प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी मंदिर निर्माण की अनुमति देते हैं. 

'प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी जारी रह सकता है मंदिर निर्माण'
उन्होंने कहा, ‘कई ऐसे प्रावधान हैं जिनके तहत आप प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी मंदिर का निर्माण जारी रख सकते हैं. तमिलनाडु के रामेश्वरम में भगवान राम ने स्वयं एक शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की थी. उस समय वहां कोई मंदिर नहीं था. उनके पास मंदिर बनाने का समय नहीं था. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा की और बाद में मंदिर का निर्माण कराया गया.’ 

'500 साल पहले हुई गलती को सुधारा जा रहा'
उन्होंने आगे कहा कि यहां तक कि मदुरै मंदिर और तिरुपति बालाजी मंदिर भी शुरुआत में छोटे थे, जिन्हें बाद में राजाओं ने बनवाया. अयोध्या में मंदिर की आवश्यकता को उचित ठहराते हुए आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि (इससे) उस गलती को सुधारा जा रहा जो पांच सौ वर्ष पहले हुई थी. 

'पूरे देश में है उत्सव और उत्साह का माहौल'
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक ने कहा, ‘यह एक सपने के साकार होने जैसा है. लोग पांच सदियों से इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं. यह कदम 500 साल पहले हुई गलती को सुधारने के लिए है. इसलिए पूरे देश में उत्सव और उत्साह का माहौल है. एक आदर्श समाज को हमेशा राम राज के रूप में वर्णित किया जाता है, जहां हर कोई समान है, सभी के लिए न्याय सुलभ है, हर कोई खुश और समृद्ध है.'

ये भी पढेंः एंटी माइन ड्रोन, AI आधारित सीसीटीवी कैमरे, जानें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कितनी चाक-चौबंद अयोध्या की सुरक्षा

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More