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ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को नहीं मिली राहत, ICC ने खारिज की अपील

ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा की अपील को इंटरनेशनल क्रिकेट परिषद ने खारिज कर दिया. उस्मान ख्वाजा ने यह अपील पाकिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट सीरीज में काली पट्टी पहनने की वजह से उन पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के लिए की थी.

ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को नहीं मिली राहत, ICC ने खारिज की अपील
  • ख्वाजा ने बांह पर बांधी थी काली पट्टी
  • ICC से पूछे बिना नहीं बांध सकते पट्टी
     

नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा की अपील को इंटरनेशनल क्रिकेट परिषद ने खारिज कर दिया. उस्मान ख्वाजा ने यह अपील पाकिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट सीरीज में काली पट्टी पहनने की वजह से उन पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के लिए की थी. यह दावा सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट में किया गया है. 

सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पर्थ में पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान मैदान पर काली पट्टी पहनने के लिए उस्मान ख्वाजा को ICC ने फटकार लगाई थी. ICC ने उनके खिलाफ प्रतिबंध हटाने की अपील को खारिज कर दी है.’ 

ख्वाजा ने बांह पर बांधी थी काली पट्टी
दरअसल, उस्मान ख्वाजा ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के शुरुआती टेस्ट के दौरान गाजा में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष से प्रभावित होने वाले बच्चों के समर्थन में बांह पर काली पट्टी बांधी थी. इसके लिए ICC ने उन्हें फटकार लगाई थी. पाकिस्तान में जन्में 37 साल के ख्वाजा आस्ट्रेलिया के लिये टेस्ट खेलने वाले पहले मुस्लिम क्रिकेटर हैं. 

ICC से पूछे बिना नहीं बांध सकते पट्टी
ICC के नियमों के अनुसार कोई भी क्रिकेटर इंटरनेशनल मैचों में किसी तरह के राजनीतिक, धार्मिक या नस्लवादी संदेश की नुमाइश नहीं कर सकता है. हालांकि, पूर्व खिलाड़ियों, परिजनों या किसी अहम व्यक्ति के निधन पर पहले से अनुमति लेकर काली पट्टी बांध सकते हैं. लेकिन उस्मान ख्जावा ने अपनी हाथों पर काली पट्टी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ICC से पूछे बगैर लगाया था. इस एवज में उन्हें ICC से फटकार भी मिली थी. 

जानें उस्मान ख्वाजा ने क्या कहा था
वहीं, 13 दिसंबर को जब उस्मान ख्वाजा अभ्यास सत्र के लिए उतरे तो उनके बल्लेबाजी के जूतों पर ‘आल लाइव्स आर इकवल’ और ‘ फ्रीडम इज ह्यूमन राइट’ लिखा हुआ था. ख्वाजा ने तब कहा था कि ICC ने पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन मुझसे पूछा था कि काली पट्टी क्यों बांधी है और मैंने कहा था कि यह निजी शोक के कारण है. मैंने इसके अलावा कुछ नहीं कहा था. मैं ICC और उसके नियमों का सम्मान करता हूं. मैं इस फैसले को चुनौती दूंगा. जूतों का मसला अलग था. मुझे वह कहकर अच्छा लगा लेकिन आर्मबैंड को लेकर फटकार का कोई मतलब नहीं है.

'मेरा कोई छिपा एजेंडा नहीं था'
उन्होंने कहा कि जब वह अभ्यास सत्र के लिए आये तो उनका कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं था. उनके जूतों पर लिखे नारे गाजा में चल रही जंग की ओर इंगित करते हैं. 

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