वज्र गनर्स ने 78 एनसीसी गर्ल कैडेट्स को खास ट्रेनिंग दी है. यह सिर्फ प्रशिक्षण नहीं था, बल्कि 1965 की विजय को समर्पित एक श्रद्धांजलि थी. हीरक जयंती वर्ष में जब भारत 1965 के युद्ध की ऐतिहासिक जीत को याद कर रहा है, जालंधर ग्रुप की 78 एनसीसी कैडेट्स ने वज्र गनर्स (Vajra Gunners) के मार्गदर्शन में सैनिकों की तरह जीवन जिया. ड्रिल, फायरिंग, फील्डक्राफ्ट- हर पल में अनुशासन, साहस और बलिदान की भावना गूंजती रही. जहां 1965 में इतिहास रचा गया, वहीं इन युवतियों ने उसकी धड़कन महसूस की - मिट्टी में गर्व, दिलों में जुनून और सलाम में समर्पण. वज्र कॉप्स (Vajra Corps) की छांव में, ये कैडेट्स अब उस विरासत की लौ आगे बढ़ा रही हैं. जो प्रेरित, सशक्त और देश सेवा के लिए तैयार हैं. 1965 के शूरवीरों से लेकर कल के रक्षक तक, वीरता की ये परंपरा यूं ही चलती रहेगी.