1965 की भारत-पाक युद्ध के दौरान, 5 अगस्त को कैप्टन सीएन सिंह, गरवाल राइफल्स के बहादुर अधिकारी, पूंछ सेक्टर में एक साहस भरा हमला किया. गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने जवानों का नेतृत्व करते हुए दुश्मन की पोस्ट को कब्जा लिया. उनकी अद्भुत नेतृत्व क्षमता और असाधारण बहादुरी के लिए उन्हें (श्रद्धांजलि स्वरूप) महावीर चक्र सम्मान से नवाजा गया. उनके 60वें बलिदान वर्ष पर, उनके भाई सुखदेव सिंह ने यह महावीर चक्र लेफ्टिनेंट जनरल डी एस राणा, CINCAN तथा गरवाल राइफल्स और गढ़वाल स्काउट्स के कर्नल को धरमशाला में सौंपा. यह पदक रेजिमेंटल सेंटर में रखा जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियों को मानवीय साहस और देशभक्ति की प्रेरणा मिल सके.