यूरोप ने 3 साल के 'सुविधाजनक' इंतजार के बाद रूस पर अपना 18वां और सबसे खतरनाक प्रतिबंध लगा दिया है, और इस बार सीधा निशाना बनी है भारत की नायरा एनर्जी (Nayara Energy). यह पहली बार है जब किसी भारतीय कंपनी पर पश्चिमी प्रतिबंधों की सीधी मार पड़ी है. इस वीडियो में हम विश्लेषण कर रहे हैं कि क्या है यूरोप का 'डबल स्टैंडर्ड' और उसने 3 साल तक इंतजार क्यों किया? भारत में रिलायंस जैसी कई कंपनियां हैं, तो सिर्फ नायरा एनर्जी को ही क्यों निशाना बनाया गया? क्या यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति (Strategic Autonomy) पर सीधा हमला है? भारत ने यूरोप के इस 'एकतरफा' प्रतिबंध पर क्या मुंहतोड़ जवाब दिया है? इस जियोपॉलिटिकल शतरंज (Geopolitical Chessboard) का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा? यह कहानी सिर्फ एक बैन की नहीं, बल्कि उस अंतरराष्ट्रीय राजनीति की है जहां नियम अपनी सहूलियत से बनाए और तोड़े जाते हैं. जानें इस पूरे खेल का असली सच.