खालूबार रिज की लड़ाई में 1/11 गढ़वाल राइफल्स के कैप्टन मनोज कुमार पांडे ने बर्फीले इलाके में अपने सैनिकों का नेतृत्व किया. वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहे, गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद निडरता से दुश्मन से भिड़ते रहे, सर्वोच्च बलिदान देने से पहले अपने सैनिकों को व्यक्तिगत उदाहरण से प्रेरित करते रहे. खालूबार पर कब्जा करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था, जो कारगिल युद्ध में एक अहम मोड़ साबित हुआ. उनकी अद्वितीय बहादुरी और राष्ट्र के प्रति समर्पण के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया. उनका नाम भारतीय सेना की विरासत में हमेशा के लिए अंकित हो गया है.