trendingVideos1zeeHindustan2862596
Videos

'भगवा आतंक' का क्या हुआ? मालेगांव बम धमाका मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपी बरी

Malegaon Blast Case: 17 साल के लंबे इंतज़ार के बाद, 2008 के मालेगांव बम धमाका मामले में NIA की विशेष अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इस फैसले ने 17 साल पुराने 'भगवा आतंक' या 'हिन्दू आतंक' के आरोपों पर भी विराम लगा दिया है. अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ UAPA, आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं के तहत लगाए गए आरोपों को साबित करने में पूरी तरह विफल रहा. आपको इस वीडियो में बताते हैं कि कोर्ट ने किन मुख्य कारणों से आरोपियों को बरी किया. UAPA के तहत केस चलाने के लिए दी गई मंजूरी प्रक्रियात्मक रूप से गलत और दोषपूर्ण थी. अदालत में पेश किए गए फॉरेंसिक सबूत 'कंटेमिनेटेड' (Contaminated) यानी अविश्वसनीय थे. यह साबित नहीं हो सका कि धमाके में इस्तेमाल हुई मोटरसाइकिल आरोपियों की थी. अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि 'अभिनव भारत' संगठन एक आतंकी संगठन था या उसका पैसा आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ. पेश की गई वॉयस रिकॉर्डिंग संदेह से परे नहीं थी. इन्हीं आधारों पर सबूतों की कमी और 'संदेह का लाभ' देते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को रिहा करने का फैसला सुनाया.

Advertisement
Video Thumbnail
Read More