सियासत के शोर से दूर, यह कहानी इंसानियत की है. लोकसभा में विपक्ष के नेता, राहुल गांधी ने एक ऐसी मिसाल कायम की है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान अनाथ हुए 22 बच्चों को 'गोद' लेने का ऐलान किया है. राहुल गांधी इन 22 बच्चों की स्कूल से लेकर ग्रेजुएशन और प्रोफेशनल कोर्स तक की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएंगे. पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से पुंछ और राजौरी में हुई गोलाबारी में इन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया. कैसे उन्होंने पुंछ जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका दर्द बांटा. राहुल की बच्चों से दिल छू लेने वाली बात ये रही कि "घबराओ मत... तुम्हारा जवाब यह होना चाहिए कि तुम खूब मन लगाकर पढ़ाई करो." यह पहल उन 22 बच्चों के भविष्य के लिए एक उम्मीद की किरण है और यह साबित करती है कि नफरत पर हमेशा इंसानियत की जीत होती है.