भारत अब मंगल और चंद्रमा पर जाने की तैयारी लद्दाख के ऊंचे रेगिस्तान में कर रहा है. मिलिए ISRO के HOPE (Himalayan Outpost for Planetary Exploration) मिशन से, जो लद्दाख में बना भारत का अपना 'मिनी मार्स' है. इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में देखिए कि भारत का HOPE मिशन क्या है और यह क्यों खास है? लद्दाख की त्सो कार घाटी को ही मंगल ग्रह के अभ्यास के लिए क्यों चुना गया? कैसे अंतरिक्ष यात्री यहाँ मंगल ग्रह जैसी कठिन परिस्थितियों में रहना और काम करना सीखेंगे. देखें HOPE मिशन के आवास और यूटिलिटी मॉड्यूल की पहली तस्वीरें. यह मिशन भारत के भविष्य के स्पेस प्रोग्राम के लिए कितना महत्वपूर्ण है. यह केंद्र भारत को अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा. पहला- 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन, दूसरा- 2040 तक चंद्रमा पर इंसान भेजना, तीसरा- भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव मिशन. ISRO, प्रोटोप्लेनेट और IITs जैसी संस्थाएं मिलकर भारत के इस सपने को साकार कर रही हैं. इस वीडियो में भविष्य की तैयारी की यह अद्भुत कहानी देखिए.