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रूस ने ओलंपिक खेलों का किया बहिष्कार, अफगानिस्तान बन गया था जंग का मैदान; जानें 24 जुलाई का इतिहास

Today History: 24 जुलाई की तारीख, इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसी घटनाओं के साथ दर्ज है, जिन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, खेल और वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण बदलाव लाए. यह वो दिन है जब नए आविष्कार हुए, दुनिया के कई हिस्सों में बड़े घटनाक्रम घटे, और भारत ने एक नई आर्थिक दिशा पकड़ी.

रूस ने ओलंपिक खेलों का किया बहिष्कार, अफगानिस्तान बन गया था जंग का मैदान; जानें 24 जुलाई का इतिहास

Today History: हर दिन अपने साथ कुछ नई कहानियां लेकर आता है, और 24 जुलाई भी कोई अपवाद नहीं है. यह वो तारीख है जब मानव ने अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छुआ, व्यापारिक समझौते हुए, और खेलों की दुनिया में भी नए रिकॉर्ड बने. भारत के लिए यह दिन एक आर्थिक क्रांति का गवाह बना, जिसने देश की दिशा बदल दी.

जैक्स कार्टियर ने न्यू फ्रांस पर कब्जा किया
24 जुलाई 1534 को फ्रांसीसी खोजकर्ता जैक्स कार्टियर ने गैसपे प्रायद्वीप पर फ्रांसीसी झंडा फहराकर इसे न्यू फ्रांस (जो बाद में कनाडा बना) घोषित किया. यह उत्तरी अमेरिका में फ्रांसीसी उपनिवेशीकरण की शुरुआत थी.

साल्ट लेक सिटी की स्थापना
24 जुलाई 1847 को मॉर्मन पायनियर्स के एक समूह ने ब्रिघम यंग के नेतृत्व में साल्ट लेक सिटी, यूटा की स्थापना की. यह शहर मॉर्मन चर्च का मुख्यालय बन गया.

माचू पिच्चू की खोज
अमेरिकी इतिहासकार हिरम बिंघम ने 24 जुलाई 1911 को पेरू में इंका सभ्यता के प्राचीन शहर माचू पिच्चू को फिर से खोजा. यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक है.

ओटावा समझौता
24 जुलाई 1932 को ओटावा समझौता पर हस्ताक्षर किए गए. यह ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए शुल्क व्यवस्था से संबंधित था.

अपोलो 11 पृथ्वी पर लौटा
चंद्रमा पर सफल मिशन के बाद, अपोलो 11 अंतरिक्ष यान 24 जुलाई 1969 को प्रशांत महासागर में सुरक्षित रूप से उतरा, जिसमें नील आर्मस्ट्रांग, बज एल्ड्रिन और माइकल कॉलिन्स सवार थे. यह मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक मील का पत्थर था.

सोवियत संघ ने 1980 ओलंपिक खेलों का बहिष्कार किया
24 जुलाई 1980 को सोवियत संघ ने लॉस एंजेलिस में होने वाले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों का बहिष्कार करने की घोषणा की, जिसका कारण अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान पर सोवियत आक्रमण के विरोध में मॉस्को ओलंपिक के बहिष्कार का आह्वान था.

भारत में ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों की शुरुआत
24 जुलाई 1991 को भारत के तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संसद में बजट पेश करते हुए ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों की घोषणा की. इन सुधारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को उदार बनाया, लाइसेंस राज को खत्म किया और देश को वैश्वीकरण की दिशा में आगे बढ़ाया, जिससे भारत के आर्थिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया.

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