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चीन के बजाय भारत के 'सुसाइड' ड्रोन खरीदेगा ये देश, ड्रैगन के 'घटिया' हथियार नहीं आए रास

Indian drone vs chinese drone: चीन की घटिया क्वालिटी के हथियारों की पोल दुनिया भर में खुल रही है. हाल ही में अफ्रीकी देशों ने चीनी हथियारों को बेहद खराब बताया है, जो युद्ध के मैदान में फिसड्डी साबित हुए हैं. वहीं, इन देशों का भारतीय हथियारों पर भरोसा बढ़ता जा रहा है.  

चीन के बजाय भारत के 'सुसाइड' ड्रोन खरीदेगा ये देश, ड्रैगन के 'घटिया' हथियार नहीं आए रास
  • भारतीय ड्रोन की ताकत की दुनिया भर में हुई तारीफ
  • अफ्रीकी देशों ने भारतीय हथियारों में दिखाई दिलचस्पी

Indian suicide drone: दुनिया में जितनी तेजी से युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं, वैसे ही डिफेंस मार्केट में भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है. इसकी असली वजह भारत द्वारा निर्मित स्वदेशी हथियारों की विश्वसनीयता व घातक मारक क्षमता है. रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीकी देश लंबे समय से चीनी हथियारों पर निर्भर थे, अब उनसे दूर होकर भारत की ओर रुख कर रहे हैं.

चीन के हथियारों से 'तंग' अफ्रीकी देश
अफ्रीका के कई देशों का चीनी हथियारों से भरोसा उठ चुका है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के मुताबिक, 2019 से 2023 के बीच सहारा रेगिस्तान के दक्षिणी हिस्से वाले अफ्रीका में चीन सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन गया था, जो कुल आयात का 19% था. अब माजरा पूरा बदल चुका है. इन देशों का मानना है, चीनी ड्रोन और बख्तरबंद वाहनों की क्वालिटी बेहद घटिया है, जिससे ये हथियार युद्ध के मैदान में प्रभावी साबित नहीं हो रहे हैं.

अफ्रीका डिफेंस फोरम की 2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी हथियार अक्सर युद्ध के मैदान में अप्रभावी रहते हैं. इसी वजह से डीआरसी जैसे देशों ने अब भारत जैसे विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं की तलाश शुरू कर दी है.

भारत के सुसाइड ड्रोन पर भरोसा
अफ्रीका इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांगो की सेना ने एक भारतीय निजी कंपनी से 'लोइटरिंग म्यूनिशन' यानी सुसाइड ड्रोन का बड़ा ऑर्डर दिया है. बेंगलुरु स्थित एसएसएस डिफेंस जैसी निजी कंपनियों द्वारा विकसित, ये सिस्टम बेहतर फ्लेक्सिबिलीटी के साथ सटीक हमले करने के लिए डिजाइन किए गए हैं.

वहीं डीआरसी की सेना की, M23 जैसे विद्रोही समूहों का मुकाबला करने के लिए इन एडवांस ड्रोन्स में दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. जो न केवल लागत में कम बल्कि सटीक हमले के लिए जाने जाते हैं.

क्यों है भारत बेहतर विकल्प?
भारत अफ्रीकी डिफेंस मार्केट में एडवांस हथियार कम कीमतों पर उपलब्ध कर रहा है, जो यूरोपीय विकल्पों की तुलना में 40% सस्ते हैं. वहीं चीनी हथियारों की क्वालिटी बेहद घटिया साबित हो रही हैं. ऐसे में, भारतीय डिफेंस कंपनियां आफ्टर-सेल्स सर्विस और रखरखाव पैकेज पर जोर दे रही हैं, जिससे वे एक आकर्षक विकल्प बनकर अफ्रीकी देशों में उभरी हैं.

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