Former Pakistan PM Shahid Khaqan Abbasi: पाकिस्तान जहां अपने आतंकी शिविरों पर भारत के जवाबी हमलों से परेशान है. वहीं उसे अपने घर में भी एक बड़ी समस्या से निपटना है. बलूचिस्तान इस्लामाबाद की पकड़ से फिसल रहा है. और अगर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी की मानें तो यह काफी हद तक पाकिस्तान के नियंत्रण से बाहर हो चुका है. उनका कहना है कि मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों में डर का माहौल इतना है कि वे अंधेरे के बाद बिना सुरक्षा गार्ड के बाहर नहीं निकलते. इससे सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की झूठी कहानी उजागर होती है कि बलूचिस्तान में मुट्ठी भर विद्रोही हैं.
2017 से 2018 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे अब्बासी ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि बलूचिस्तान में स्थिति और भी गंभीर है, खास तौर पर रात के बाद. द बलूचिस्तान पोस्ट ने रिपोर्ट किया कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना के असिम मुनीर के उस बयान को भी चुनौती दी कि बलूचिस्तान में केवल 1,500 लोग अशांति फैला रहे हैं.
अब्बासी ने कहा, 'असिम मुनीर जो भी कहें वह उनकी राय है, मैं केवल वही कह रहा हूं जो मैंने देखा.' पूर्व प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी 5 मई को आई थी. और देखा मानो जैसे उन्हें सही साबित करने के लिए बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों ने 6 मई को बलूचिस्तान के बोलन और केच में दो अलग-अलग हमलों में 14 सैन्यकर्मियों को मार डाला.
बलूचिस्तान में भय का माहौल
पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और शासन व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत में भय और अनिश्चितता का माहौल है. उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और मंत्री भी अशांत प्रांत में बिना सुरक्षा गार्ड के आवागमन करने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि प्रांतीय राजधानी क्वेटा में अंधेरा होने के बाद, जमीन पर राज्य की मौजूदगी लगभग गायब हो जाती है.'
बलूचिस्तान पोस्ट ने 6 मई को अब्बासी के हवाले से कहा, 'यह कानून और व्यवस्था में गिरावट नहीं है. यह राज्य के लुप्त होते अधिकार का संकेत है.' उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलूच विद्रोही अब प्रांत के प्रमुख राजमार्गों पर खुलेआम गश्त करते हैं, मनमाने ढंग से चेकपॉइंट स्थापित करते हैं और यहां तक कि शहरी क्षेत्रों पर घंटों तक नियंत्रण रखते हैं.
पाकिस्तानी राजनीति
बता दें कि नवाज शरीफ अयोग्य करार हुए तो तब शाहिद खाकन अब्बासी ने अगस्त 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का प्रतिनिधित्व किया.
2024 में अब्बासी ने पार्टी के लोकतांत्रिक मूल्यों और आंतरिक-पार्टी लोकतंत्र से दूर होने का हवाला देते हुए पीएमएल-एन से नाता तोड़ लिया. नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली पीएमएल-एन अब इस्लामाबाद में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही है.
अब्बासी ने 2023 में चेतावनी दी थी कि आर्थिक और राजनीतिक संकट पाकिस्तान पर सैन्य कब्जा करने के लिए पर्याप्त है.
पूर्व पाक पीएम अब्बासी ने असीम मुनीर के बलूचिस्तान के दावों को चुनौती दी
अब्बासी ने बलूचिस्तान में अशांति के बारे में उनके हालिया दावों के लिए पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की भी आलोचना की. मुनीर ने अप्रैल में दावा किया था कि अशांति के लिए केवल 1,500 व्यक्ति जिम्मेदार हैं.
अब्बासी ने कहा, 'यह स्थिति को लेकर गंभीर गलतफहमी है.' '1,500 लोगों को दोषी ठहराना वास्तविक समस्या से बचने का एक तरीका है. वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान अब बलूचिस्तान [प्रांत] पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं रख पा रहा है.' बता दें कि बलूचिस्तान के रणनीतिक महत्व को देखते हुए अब्बासी के दावे महत्वपूर्ण हैं.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.