पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने सख्त रूख अपनाया है. शुरूआती जांच रिपोर्ट में, पाकिस्तानी आतंकियों के नाम सामने आए हैं. ऐसे में पाकिस्तान पर एक्शन लेना लाजमी हो जाता है. भारत आतंक के खिलाफ पूरी तैयारी में जुट चुका है. ऐसे में, पाकिस्तान की हालत बद से बदतर होती जा रही है. पाकिस्तान इस समय तीन मोर्चों पर गंभीर संकट से जूझ रहा है. पूर्व में भारत से तनाव, पश्चिम में अफगान सीमा पर आतंकी खतरे और दक्षिण में बलूचिस्तान में अलगाववादी उग्रवाद. वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान में आर्थिक संकट, आतंकवाद और कूटनीतिक अलगाव के बीच यह सवाल उठ रहा है. क्या पाकिस्तान भारत की किसी भी जवाबी कार्रवाई को झेलने की स्थिति में है? आइए जानते हैं.
भारत का पाक के खिलाफ कड़ा एक्शन
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी और हमलावर वहीं से आए थे. इस आधार पर भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को सस्पेंड किया, अटारी बॉर्डर के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद कर दिया और पाक नागरिकों के SAARC वीज़ा रद्द कर दिए.
डिप्लोमैटिक स्टाफ को भी सीमित करते हुए भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी है. पाकिस्तान भले ही न्यूट्रल जांच की मांग कर रहा हो, लेकिन भारत का संदेश साफ है – आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते.
ऐसे में अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो पाक की माली हालत ठीक नजर नहीं आ रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान शायद ही भारत का एक भी हमला झेल पाए. देश में विद्रोह के सुर हर ओर हैं.
अफगान सीमा पर पाकिस्तान पस्त
भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा भी सुलग रही है. दक्षिण वज़ीरिस्तान के वाना ज़िले में एक जबरदस्त बम धमाके में 7 लोगों की मौत हो गई और 16 घायल हो गए. यह हमला सरकार समर्थक पीस कमेटी को निशाना बनाकर किया गया था.
इसके पहले पाकिस्तान की सेना ने दावा किया था कि अफगानिस्तान से घुसपैठ की कोशिश कर रहे 54 आतंकियों को मारा गया है. मगर लगातार हमलों और टीटीपी की बढ़ती ताकत ने यह दिखा दिया है कि अफगान तालिबान के आने के बाद पाकिस्तान के लिए पश्चिमी मोर्चा और भी मुश्किल बन गया है.
बलूचियों के सामने पाक आर्मी सरेंडर!
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है. जियारत ज़िले में सात लोगों की गोली लगी लाशें मिलने के बाद इलाके में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं, जिससे स्थानीय जनता और सेना के बीच टकराव और बढ़ गया है.
पाक सरकार का ध्यान फिलहाल राजनीतिक जोड़तोड़ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की सत्ता मजबूत करने पर है. बलूचों की मांगों की अनदेखी से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. नतीजा यह है कि पाकिस्तान के लिए दक्षिणी सीमा भी अब असुरक्षित होती जा रही है.
हाल ही में बलूच विद्रोहियों ने ट्रेन हाईजैक कर सैकड़ों पाकिस्तानियों को मौत के घाट उतार दिया था. वहीं दूसरी ओर आईईडी ब्लास्ट में भी कई पाकिस्तानी जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. बलूच विद्रोहियों का हमला रोजाना तेज होता जा रहा है.
पाक की आर्थिक स्थिति भी डामाडोल
पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद नाज़ुक है. पाक पर कुल कर्ज़ 280 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसमें से 131.1 अरब डॉलर विदेशी कर्ज़ है. यह आंकड़े दिसंबर 2024 तक के हैं. इतना भारी कर्ज़ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में डाल रहा है. ऐसे में भारत अटैक करता है, तो देश के हालात भुखमरी वाले हो जाएंगे.
वहीं आतंक से सलिंप्तता के पूख्ता सबूत भी हैं. जिसके चलते पाकिस्तान को कर्ज मिलना भी मुश्किल हो जाएगा. बता दें, पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी, पाकिस्तान में पल रहे लश्कर ए तैयब्बा के एक आतंकी गुट ने लिया था. जिसके बाद, भारत एक के बाद एक पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
दूसरी ओर हाई डेब्ट-टू-जीडीपी अनुपात और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के चलते पाकिस्तान की हालत पस्त है. ऐसे में तीन तरफा संघर्ष, भारत से तनाव, अफगान सीमा पर आतंक और बलूच विद्रोह को एक साथ झेलना पाकिस्तान के लिए असंभव जैसा है. वहीं दूसरी ओर, कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी समय मोर्चा खोल सकता है, और इस बार हमला सीधा आतंक के सफाए के लिए होगा.
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