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नेपाल के 'गोरखा' की मांग लंदन तक, आखिर कहां चले गए ब्रिटेन के अपने सैनिक?

Nepal Gorkha in Britain Army: ब्रिटेन में गोरखा के लिए अलग से आर्टिलरी रेजिमेंट बनेगी. सूत्रों की मानें तो ये गोरखा शांति समझौते के बाद यूक्रेन में भेजे जाएंगे, ताकि ये वहां पर सुरक्षा कर सकें. गोरखा भारतीय सेना में भी हैं और अपनी बहादुरी का परिचय दे चुके हैं.

नेपाल के 'गोरखा' की मांग लंदन तक, आखिर कहां चले गए ब्रिटेन के अपने सैनिक?
  • रक्षा सचिव ने दी आर्टिलरी की मंजूरी
  • यूक्रेन की रक्षा करेंगे नेपाल के गोरखा

Nepal Gorkha in Britain Army: नेपाल के गोरखा सैनिकों की वीरता किसी से छिपी हुई नहीं है. ये भारतीय सेना के लिए भी बड़ी ही बहादुरी से काम करते हैं. अब इनकी मांग लंदन तक पहुंच गई है. ब्रिटिश सेना एक नई आर्टिलरी रेजिमेंट बना रही है, जिसमें गोरखा भर्ती किए जाएंगे.

रक्षा सचिव ने दी मंजूरी
ब्रिटेन के रक्षा सचिव जॉन हीली ने गोरखा की आर्टिलरी रेजिमेंट बनाने की मंजूरी दे दी है. ऐसा बताया जा रहा है कि शुरुआती दौर में 500 नेपाली सैनिक रेजिमेंट में शामिल होंगे. ये सर्विलांस करने और और खुफिया कामों में विशेषज्ञता पा चुके जवान होंगे.

यूक्रेन की रक्षा करेंगे गोरखा
गोरखा के लिए बनाई जा रही रेजिमेंट शांति समझौते के बाद यूक्रेन में स्थिरता बनाए रखने के लिए तैनात हो सकती है. बता दें कि रूस-यूक्रेन के युद्ध की समाप्ति के बाद ये सैनिक तैनात होंगे. 20 से अधिक देशों ने समर्थन जताया है कि यूक्रेन में शांति समझौते के बाद सैनिक तैनात होने चाहिए. 

इन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी
पहले गोरखा सैनिक पैदल सेना में थे. अब ब्रिटेन ने इनका कद बढ़ाते हुए इन्हें तोपखाने (आर्टिलरी) में भूमिका दी है. पहले भले ही 500 सैनिकों को इस रेजिमेंट में शामिल किया जा रहा हो, लेकिन बाद में इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी. इसके अलावा, इन्हें ब्रिटेन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों को संचालित करने के लिए भी ट्रेनिंग देगा.

मैक्रों ने कहा था- ब्रिटेन को परमिशन की जरूरत नहीं
जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से इनकी तैनाती पर सवाल किया गया था, तो  उन्होंने कहा कि यूक्रेन में शांति समझौते के बाद सैनिक तैनात करने के लिए ब्रिटेन को रूस की परमिशन की जरूरत नहीं है. मैक्रों के तीखे तेवर बताते हैं कि यूरोपीय देश यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर कितने सीरियस हैं.

ब्रिटेन में भर्ती का तगड़ा संकट
ब्रिटिश सेना में सैनिकों की कमी है, यहां भर्ती संकट च रहा है. जनवरी 2024 तक ब्रिटिश सेना की संख्या मात्र 75,983 हो गई, ये नेपोलियन युद्धों के बाद सबसे कम आंकी गई है. दो साल पहले यानी 2023 में 6,720 सैनिक ही भर्ती हुई थे, जबकि टारगेट 10,450 का रखा गया था. इसके अलावा, रिपोर्ट्स बताती हैं कि हर महीने 300 सैनिक ब्रिटिश सेना सेना छोड़ रहे हैं. अक्टूबर 2024 से पहले के एक साल के भीतर 15,000 सैनिकों ने सेना छोड़ दी थी. नतीजतन, 2024 में सेना के वेतन में 6% की वृद्धि हुई, ये दो दशकों में सबसे अधिक रही. फिर भी सेना में भर्ती नहीं हो पा रही है. 

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