China and serbia joint military exercise: चीन की यूरोप में घुसपैठ बढ़ती जा रही है. डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद यूरोप के देशों का अमेरिका पर भरोसा कम होता जा रहा है. अब चीन अमेरिका की जगह लेना चाहता है. चीन ने यूरोपीय देश सर्बिया के साथ जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज करने का फैसला किया है. दोनों देश जुलाई के आखिर में संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे. यह मिलिट्री एक्सरसाइज चीन के ही हेबेई प्रांत में होनी है.
पहली बार होगा दोनों का सैन्य अभ्यास
चीन और सर्बिया की जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज को 'पीस डिफेंडर्स-2025' नाम दिया गया है. यह पहली बार है जब चीनी और सर्बियाई सेना मिलकर कोई सैन्य अभ्यास करेंगी. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियांग बिन ने बताया कि यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने और सैनिकों की युद्ध कौशल को बेहतर करने में मदद करेगा.
यूरोप में चीन का जिगरी दोस्त
सर्बिया को यूरोप में चीन का करीबी सहयोगी माना जाता है. खासकर, 1999 में नाटो ने यूगोस्लाविया पर बमबारी की थी, तब सर्बिया इसी का हिस्सा था. उसके बाद से चीन से नजदीकियां बढ़ी. सर्बिया का नाटो में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है.
चीन ने दिया था मिसाइल सिस्टम
बीते साल के आखिर में सर्बिया के रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि उनकी वायुसेना ने चीन में ट्रेनिंग ली है. अब सर्बिया वायुसेना यूरोप में पहली बार स्वतंत्र रूप से चीनी निर्मित FK-3 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को चला सकती है. FK-3 को अमेरिका के पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और रूस के S-300 सिस्टम के बराबर माना जाता है.
NATO और अमेरिका के रुतबे को चुनौती
साल 2020 में चीन ने सर्बिया को 6 'CH-92A लड़ाकू ड्रोन' और 18 'FT-8C लेजर-गाइडेड मिसाइलें दी थी. इसके बाद 2023 में सर्बिया ने चीनी CH-95 ड्रोन खरीदे.इसके अलावा, चीन ने सर्बिया के बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया है. निर्माण के लिए अरबों डॉलर के लोन दिया गया है. चीन NATO और अमेरिका के रुतबे को कम करने के लिए सर्बिया को मोहरा बना रहा है.