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चीन ने ‘मच्छर’ को बनाया जासूस, जिसने दुनियाभर में मचाया तहलका; क्या बंकर भी कर देगा तबाह?

इस मॉस्कीटो ड्रोन का भले ही आकार छोटा है, लेकिन इसकी क्षमताएं इतनी बड़ी हैं कि यह आने वाले समय में युद्ध लड़ने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकता है. इसे दुश्मन की नजर से बचकर अहम जानकारी जुटाने के लिए बनाया गया है.

चीन ने ‘मच्छर’ को बनाया जासूस, जिसने दुनियाभर में मचाया तहलका; क्या बंकर भी कर देगा तबाह?
  • मच्छर से भी छोटा है ये मॉस्कीटो ड्रोन
  • सैन्य अभियानों में साबित होगा कारगर

रोबोटिक्स की दुनिया में चीन ने एक और बड़ी छलांग लगाई है. चीन के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी के रिसर्च ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है, जो आकार में मच्छर से भी छोटा है. यह माइक्रो-रोबोट भविष्य की जासूसी और खास सैन्य मिशनों में तहलका मचा सकता है.

क्या है मॉस्कीटो ड्रोन?
इस माइक्रो-ड्रोन को मुख्य रूप से छिपकर सैन्य मिशनों को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया है. एक टीवी कार्यक्रम के दौरान, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन से जुड़े संस्थान के छात्र ने इस डिवाइस को अपनी उंगलियों के बीच पकड़कर दिखाया और इसके उद्देश्य को समझाया. उसने बताया, ‘यह मेरे हाथ में मच्छर जैसा रोबोट है. इस तरह के छोटे बायोनिक रोबोट खास तौर पर जानकारी जुटाने और युद्ध के मैदान में खास मिशनों के लिए बहुत काम के हैं.’

कैसी है मॉस्कीटो ड्रोन की बनावट?
इस ड्रोन की बनावट में एक पतला, छड़ी जैसा बीच का हिस्सा है, जिसके दोनों तरफ पत्तों जैसी छोटी, पंख जैसी संरचनाएं हैं. इसमें कीटों के पैरों जैसी तीन बेहद पतली भुजाएं भी हैं, जो इसके बायोनिक डिजाइन को पूरा करती हैं. ये डिवाइस अपने वजन के 3,000 गुना तक दबाव झेल सकती हैं, जिससे वे मुश्किल जगहों पर भी इस्तेमाल की जा सकती हैं.

कैसे काम करता है ये माइक्रो-ड्रोन?
ये छोटे ड्रोन उन इलाकों में जासूसी और जानकारी जुटाने का काम करते हैं जहां बड़े पारंपरिक ड्रोन बहुत बड़े या आसानी से दिख जाते हैं. इनका छोटा आकार इन्हें माहौल में घुलने-मिलने देता है, जिससे इन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है. ये घने शहरी इलाकों या युद्ध के मैदान जैसी जगहों पर चुपचाप निगरानी के औजार के रूप में काम कर सकते हैं.

ऐसे में ये बंकर जैसी जगहों को तबाह तो नहीं कर सकते, लेकिन बंकर से जुड़ी सूचनाएं व लोकेशन के बारे में अहम जानकारी जुटा सकता है.

दुनिया में माइक्रो-ड्रोन की दौड़
जबकि चीन का यह मच्छर जैसा रोबोट अभी सबका ध्यान खींच रहा है, कई देश पहले से ही सैन्य अभियानों में माइक्रो-ड्रोन का इस्तेमाल और विकास कर रहे हैं. इसका एक प्रमुख उदाहरण नॉर्वे का 'ब्लैक हॉर्नेट' है, जिसे टेलीडाइन FLIR डिफेंस ने विकसित किया है. यह हथेली के आकार का, हेलिकॉप्टर जैसा माइक्रो-UAV दुनिया भर की कई सेनाओं में सेवा दे रहा है.

वहीं, इसका कॉम्पैक्ट ढांचा सैनिकों को खुद की नजर से बचे रहते हुए करीब से निगरानी करने में मदद करता है. ब्लैक हॉर्नेट के नए वर्जन, ब्लैक हॉर्नेट 4 को उसके अपग्रेड के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं.

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