trendingNow1zeeHindustan2721813
Hindi news >> Zee Hindustan>> ग्लोबल नजरिया
Advertisement

चीन ने 'नमक' से बढ़ाया डिफेंस का स्वाद! जिनपिंग का 'न्यूक्लियर रिएक्टर' आर्मी के लिए होगा गेमचेंजर?

China Molten Salt Nuclear Reactor: चीन ने ऑपरेशनल थोरियम मॉल्टन सॉल्ट न्यूक्लियर रिएक्ट विकसित कर लिया है. ये ना सिर्फ चीन के लिए ऊर्जा का अच्छा स्त्रोत बनेगा, बल्कि चीनी आर्मी को भी ताकत देने का काम करेगा. इस न्यूक्लियर रिएक्टर का इस्तेमाल दूरदराज के इलाकों में सैन्य ठिकानों को संचालित करने के लिए भी किया जा सकता है.

चीन ने 'नमक' से बढ़ाया डिफेंस का स्वाद! जिनपिंग का 'न्यूक्लियर रिएक्टर' आर्मी के लिए होगा गेमचेंजर?
  • थोरियम रिएक्टर पानी पर निर्भर नहीं होते
  • चीनी आर्मी के लिए सहायक होगा ये

China Molten Salt Nuclear Reactor: चीन ने परमाणु शक्ति हासिल करने के मामले में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. खबर है कि चीन ने दुनिया का पहला ऑपरेशनल थोरियम मॉल्टन सॉल्ट न्यूक्लियर रिएक्टर (TMSR-LF1) तैयार कर लिया है. ये न्यूक्लियर रिएक्टर गांसु प्रांत के गोबी रेगिस्तान में है. यह एक सॉल्ट न्यूक्लियर रिएक्टर है, इसमें पिघला हुआ नमक ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होता है. इससे ना सिर्फ चीन ने अपनी ऊर्जा क्षमता बढ़ा ली है, बल्कि आर्मी को मजबूत करने के लिए भी नई संभावनाएं खोल दी हैं.

इसमें पिघले नमक का ये काम
इस न्यूक्लियर रिएक्टर में यूरेनियम नहीं, बल्कि थोरियम नामक खास रेडियोधर्मी धातु जलाया जाता है. ये धरती पर बड़ी मात्रा में पाया जाता है. ये हद से ज्यादा खतरनाक भी नहीं होता है. यही थोरियम है, जो नमक के साथ मिलाकर खास घोल बनता है, जो ईंधन का काम करता है. इससे रिएक्टर को ठंडक भी मिलती है. यानी ये एक चीज दो फायदे दे सकती है.

चीनी सेना PLA को ये फायदे
चीन की जहाज निर्माण इंडस्ट्री ने थोरियम-संचालित कंटेनर जहाजों-KUN-24AP के ब्लूप्रिंट्स तैयार किए हैं. ये जीरो-एमिशन समुद्री वाहनों को सक्षम बनाएंगे. यानी चीन की ये तकनीक सैन्य जहाजों, न्यूक्लियर पनडुब्बियों (SSNs) और एयरक्राफ्ट कैरियर्स में काम आ सकती है. थोरियम रिएक्टर पानी पर निर्भर नहीं होते, क्योंकि वे मॉल्टन सॉल्ट और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग कूलेंट और हीट ट्रांसफर के लिए करते हैं. यह उन्हें रेगिस्तानी और दूरदराज इलाकों में सैन्य ठिकानों को एनर्जी देने की दिशा में बड़ा कदम है.

न्यूक्लियर वेस्ट से बन सकेंगे हथियार
यूरेनियम की तुलना में थोरियम काफी सुरक्षित माना जाता है. इससे  निकलने वाला न्यूक्लियर वेस्ट काफी कम होता है. खास बात ये है कि इसको रीयूज करके बाइ-प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं. इसे न्यूक्लियर हथियारों में बदलना संभव है. यानी आम के आम और गुठलियों के भी दाम.

ये भी पढ़ें- राफेल देसी हथियारों से होंगे लैस! क्या इसके लिए सीक्रेट कोड देगा भारत का 'दोस्त'?

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More