China Hydrogen Bomb: दुनिया के कई देश हैं जो परमाणु बम बनाने की होड़ कर रहे हैं. हाल ही में ईरान और इजरायल के युद्ध की वजह ही ये थी कि ईरान परमाणु बम को विकसित कर रहा है. लेकिन दूसरी ओर, चीन एकदम बेलगाम हो गया है और संभवतः न्यूक्लियर बम से भी घातक बम बना रहा है. यह हथियार मैग्नीशियम हाइड्राइड का उपयोग से बन रहा है, जो TNT की तुलना में कई गुना लंबी आग की लपटें पैदा करता है.
परमाणु बम से कैसे अलग है हाइड्रोजन बम
चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन (CSSC) के 705 रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक गैर-परमाणु हाइड्रोजन बेस्ड विस्फोटक का सफल परीक्षण किया है. ये वेपन परमाणु हथियारों की तरह रेडियोएक्टिव कचरा नहीं छोड़ता और केमिकल रिएक्शन के जरिए आग पैदा करता है. यह तकनीक पहले स्वच्छ ऊर्जा के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब इसका सैन्य उपयोग हो रहा है.
हाइड्रोजन बम ऐसे काम करता है
हाइड्रोजन बम में सबसे प्रमुख केमिकल मैग्नीशियम हाइड्राइड (MgH₂) है. यह एक ऐसा केमिकल है, जो गर्म करने पर हाइड्रोजन गैस छोड़ता है. इस हथियार में केमिकल प्रोसेस के जरिए हाइड्रोजन गैस बनाई और जलाई जाती है, जिससे 1000 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्मी वाली आग दो सेकंड से अधिक समय तक रहती है. यह TNT के विस्फोट से 15 गुना ज्यादा समय तक जलता है. यह गैर-परमाणु हथियार है, यानी इसमें परमाणु विस्फोट की जरूरत नहीं पड़ती. वैज्ञानिक वांग श्यूफेंग के अनुसार, इसकी आग तेजी से फैलती है.
हाइड्रोजन बम में इतनी पावर है
- हाइड्रोजन बम की लंबी आग की लपटें सैन्य अड्डों, रडार इंस्टालेशन या पैदल सेना को नष्ट कर सकती हैं. यह धातु पिघलाने की क्षमता रखती है.
- इस बम की गर्मी से रास्तों को भी रोका जा सकता है, जिससे दुश्मन आगे ना बढ़ सके.
- इसका टॉरपीडो या UUV में इस्तेमाल हो सकता है, जो दुश्मन के जहाजों को हीट के जरिए नुकसान पहुंचा सकता है. जहाज के ढांचे को भी पिघला सकता है.