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पाक को J-35 देने में चीन की आनाकानी; ड्रैगन ने US से सीखी चाल, अपने ही यार पर कर रहा इस्तेमाल!

China and Pakistan J-35 Fighter Jet Deal: चीन और पाकिस्तान के बीच J-35 फाइटर जेट का सौदा होना था, लेकिन चीन की कुछ शर्तों के कारण सौदा ठंडे बस्ते में जा चुका है. चीन ने अमेरिका से सीख लेते हुए ये चाल चली. अमेरिका भी ऐसे देशों से सौदा करने से बचता है, जो उसके दुश्मन के साथ भी सौदा करते हैं.

पाक को J-35 देने में चीन की आनाकानी; ड्रैगन ने US से सीखी चाल, अपने ही यार पर कर रहा इस्तेमाल!
  • पाक को मिलने थे 40 J-35A जेट
  • लेकिन चीन की शर्तें आड़े आईं

China and Pakistan J-35 Fighter Jet Deal: पाकिस्तान लंबे समय से चीन के J-35 फाइटर जेट्स को पाने के लिए उत्साहित था. इतना उत्साहित की पाक सरकार ने इसकी मुनादी करनी शुरू कर दी कि हमें 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान मिलने वाला है. लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को सामने आकर ये कहना पड़ा कि यह बस एक हाइप है. कोई सौदा नहीं होने वाला है. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि चीन ने अमेरिका स्टाइल ऑफ स्ट्रेटेजी के साथ आगे बढ़ना चाहा.

ये सौदा हुआ था और चीन को ऐसी आपत्ति थी
दरअसल, चीन नहीं चाहता कि पाकिस्तान उसके J-35 फाइटर जेट की तकनीक किसी दूसरे देश के साथ साझा करे. चीन को डर है कि उसकी गोपनीय तकनीक किसी दुश्मन देश के हाथ लग सकती है. इस सौदे में 40 J-35A जेट, KJ-500 AWACS विमान और HQ-19 एयर डिफेंस सिस्टम शामिल था. पाकिस्तान सरकार ने तब सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, यह सौदा लगभग 4.6 बिलियन डॉलर का है, जिसमें 50% की छूट दी गई थी. हालांकि अब ये डिलीट कर दिया गया है.

कहीं US ना चुरा ले चीन की तकनीक
चीन को डर है कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों के कारण उसकी J-35A की सीक्रेट स्टील्थ तकनीक अमेरिका के हाथ लग सकती है. इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए 76 F-16 जेट के लिए सख्त नियम बनाए हैं, जिसमें अमेरिकी कर्मचारी पाकिस्तानी हवाई ठिकानों, जैसे- मुशाफ और शाहबाज पर तैनात रहते हैं. ये सुनिश्चित करते हैं कि जेट का इस्तेमाल तय नियमों के अनुसार हो और तकनीक दुश्मन के साथ साझा ना हो.

चीन ने US से कौनसी चाल सीख ली है?
चीन अब अमेरिका की राह पकड़ रहा है. अमेरिका हमेशा से ऐसे देशों के साथ सौदा करने से बचता रहा है, जो उसके दुश्मन से रक्षा संबंध रखते हों. अमेरिका का CAATSA (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) कानून इसी का एक उदाहरण है. इस कानून के तह ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाता है. अब चीन भी इसी राह पर आगे बढ़ सकता है. उसने अमेरिका से अपनी तकनीक की रखवाली करने वाली चाल तो सीख ली है,जिसका इस्तेमाल पाक पर ही कर रहा है. मुमकिन है कि कल को CAATSA जैसे कानून भी लेकर आए, जिनका पाक को सामना करना पड़े.

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