China J-35 Fighter Jet Production: ताइवान और चीन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. दोनों देश एक-दूसरे के जानी दुश्मन बने बैठे हैं. ताइवान ने हाल ही में चीन के खिलाफ सबसे बड़ी मिलिट्री ड्रिल की. इसके बाद से ही चीन की भौहें तनी हुई हैं. अब चीन ने भी अपनी तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू कर दी हैं. चीन भली-भांति जानता है कि ताइवान भले छोटा और कमजोर देश होगा, लेकिन उसके पीछे अमेरिका का हाथ है.
5वीं पीढ़ी के निर्माणाधीन जेट की रफ्तार तेज की
ताइवान की तैयारियों को देखते हुए चीन ने अपनी कमर भी कस ली है. चीन ने 5वीं पीढ़ी के विमानों 'J-35' फाइटर जेट का प्रोडक्शन तेज कर दिया है. इस जेट को बनाने के लिए चीन ने कई बड़ी फैक्ट्रियां भी खोल ली हैं. बता दें की चीन का J-35 लड़ाकू विमान डीप स्ट्राइक यानी गहराई में हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस जेट को हवाई मॉन्स्टर भी कहा जा रहा है.
चीन देख चुका हथियारों का बुरा हाल
चीन ने हाल के भारत-पाक संघर्ष में अपने हथियारों को पिटते हुए देख लिया. ऐसे में चीन के पास अब वक्त है कि वह अपने वेपन्स को अपग्रेड कर ले. पाकिस्तान को एक 'प्रयोगशाला' की तरह इस्तेमाल करते हुए चीन ने ये तो जान ही लिया है कि कहां पर उसके हथियार कमजोर पड़ रहे हैं. मुमकिन है कि ताइवान से लड़ने से पहले चीन अपने हथियारों की खामियां दूर करे.
ताइवान की मिलिट्री ड्रिल से चौंका ड्रैगन
ताइवान की हालिया मिलिट्री ड्रिल को देखकर चीन की आंखे फटी की फटी रह गई हैं. इस ड्रिल को ताइवान की जंगी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. इसमें चीन के 22 हजार से ज्यादा रिजर्व सैनिक शामिल हुए थे. ये ड्रिल मात्र हवाई या जमीनी लड़ाई तक सीमित नहीं थी, इसमें साइबर अटैक से निपटने की तैयारियां भी दिखाई गई थीं. हजारों सैनिकों के अलावा, टैंक, आर्टिलरी, मिसाइलों का भी अभ्यास में इस्तेमाल हुआ.
अमेरिका कर रहा ताइवान की मदद
चीन अपने पड़ोसी देश ताइवान से ज्यादा तो इसलिए घबराया हुआ, क्योंकि अमेरिका ताइवान की मदद कर रहा है. अमेरिका भी बाकी दुनिया से जानना चाहता है कि ताइवान और चीन के बीच युद्ध हुआ तो बाकी देशों का क्या स्टैंड रहेगा? इसके बारे में पेंटागन ने अपने सहयोगी जापान और ऑस्ट्रेलिया से भी जवाब मांगा था.
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