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ड्रैगन ने लॉन्च किया 'भूतिया' मिसाइल, ET-LDHCM टेस्ट से एशिया में बदलेगा 'पावर गेम', जानें ताकत

इस तरह की टेक्नोलॉजी से चीन को एक ऐसी सामरिक बढ़त मिल सकती है, जिससे मौजूदा रक्षा प्रणालियों के लिए निपटना बेहद मुश्किल हो जाएगा.

ड्रैगन ने लॉन्च किया 'भूतिया' मिसाइल, ET-LDHCM टेस्ट से एशिया में बदलेगा 'पावर गेम', जानें ताकत
  • चीन ने किया ET-LDHCM मिसाइल का परीक्षण
  • आवाज की गति से पांच गुना होगी इसकी स्पीड

चीन आए दिन अपने प्रयोगों से दुनिया को चौंकाता रहा है. कभी दुनिया का सबसे घातक लड़ाकू विमान तो कभी अंतरिक्ष की दुनिया में सबसे भारी डिलीवरी कराना. चीन अपनी टेक्नोलॉजी से दुनिया भर को हैरान करता रहा है. वहीं, हाल ही में चीन ने अपनी नई और बेहद घातक 'एक्सट्रीमली थिन लॉन्ग-रेंज हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल' ET-LDHCM का परीक्षण किया है. सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि इससे एशिया में सैन्य शक्ति के संतुलन को पूरी तरह बदल सकता है. यह मिसाइल इतनी पतली और तेज है कि इसे पकड़ना लगभग नामुमकिन होगा.

ET-LDHCM क्या है?
ET-LDHCM का मतलब है 'एक्सट्रीमली थिन लॉन्ग-रेंज हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल'. नाम से ही साफ है कि इसकी दो सबसे बड़ी खासियतें हैं. पहला 'अत्यधिक पतला' होना और दूसरा 'हाइपरसोनिक' रफ्तार.

इसका मतलब है कि यह मिसाइल ध्वनि की गति से कम से कम पांच गुना या उससे अधिक तेजी से उड़ सकती है. इतनी तेज रफ्तार के चलते किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम का इसे पकड़ पाना बेहद मुश्किल है. 

वहीं, इसका अत्यधिक पतला होना इसे और भी खतरनाक बनाती है. डॉ. कौशल बताते हैं कि इसका पतला डिजाइन इसे रडार पर पकड़ना बेहद मुश्किल कर देता है. पारंपरिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम अक्सर बड़े और मोटे लक्ष्यों को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं, लेकिन इतनी पतली मिसाइल उनकी पकड़ में मुश्किल से ही आती है.

ET-LDHCM  क्यों है इतना खतरनाक?
ET-LDHCM की अत्यधिक पतली प्रोफाइल सिर्फ रडार से बचने में मदद नहीं करती, बल्कि यह इसे आंखों से और गर्मी से सेंसर के लिए भी कम पकड़ बनाती है. जब कोई मिसाइल बेहद तेज रफ्तार से उड़ती है, तो वह बहुत गर्मी पैदा करती है, लेकिन इसका पतला डिजाइन और एडवांस्ड मटेरियल इसे कम हीट सिग्नेचर वाला बनाते हैं.

डॉ. कौशल के मुताबिक, यह विशेषता इस मिसाइल को मौजूदा मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स के खिलाफ एक महत्वपूर्ण लाभ देती है. इसका मतलब है कि किसी के पास इस मिसाइल को ट्रैक करने, उस पर प्रतिक्रिया करने या उसे रोकने के लिए बहुत कम समय होगा, जिससे यह लगभग अदृश्य और अजेय हमलावर बन सकती है.

एशिया में बदलती ताकत का संतुलन
इस मिसाइल के सफल परीक्षण से एशिया में सैन्य शक्ति का संतुलन बिगड़ सकता है. अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के लिए, जो चीन के संभावित टारगेट हो सकते हैं, ऐसी मिसाइलों से बचाव करना एक बड़ी चुनौती बन जाएगा. यह इन देशों की रक्षा रणनीतियों को प्रभावित करेगा.

इतना ही नहीं, यह चीन को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति और प्रभाव को और मजबूत करने में मदद करेगा. इस विकास से अन्य देशों, विशेष रूप से भारत, अमेरिका और जापान को अपने खुद के हाइपरसोनिक प्रोग्राम या मिसाइल डिफेंस अपग्रेड को तेज करने के लिए मजबूर करेगी, जिससे हथियारों की होड़ और तेज हो सकती है.

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