China Pakistan Defence Relations: चीन अक्सर पाकिस्तान पर मेहरबान रहता है. ना सिर्फ उसे बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा देता है, बल्कि उसके दाम भी कम ही लगाता है. पाकिस्तान इन हथियारों को खुशी-खुशी खरीद लेता है, ये मानते हुए कि ड्रैगन उसकी डिफेंस पावर को मजबूत कर रहा है. लेकिन असली खेला तो कुछ और ही है, ड्रैगन पाक को हथियार देकर भी अपना ही उल्लू सीधा करता है. चीन पाक में अपने उन हथियारों का प्रदर्शन देखता है, जिनका युद्ध में इस्तेमाल नहीं हुआ है. एक मायने में कहा जाए तो चीन के लिए पाकिस्तान हथियारों की प्रयोगशाला है, जहां वेपन टेस्ट किए जाते हैं.
युद्ध में नहीं आजमाए गए चीनी वेपन
रक्षा मंत्रालय के पूर्व प्रिंसिपल एडवाइजर और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल विनोद जी. खंडारे ने चीनी मिसाइल सिस्टम और अन्य सैन्य उपकरणों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. CNN-News18 डिफेंस टाउन हॉल में खंडारे ने कहा कि ये सिस्टम कागज पर प्रभावशाली दिखते हैं, इनके डिजाइन और तकनीकी विशेषताएं इन्हें आकर्षक बनाती हैं, लेकिन इनका माद्दा वास्तविक युद्ध में सिद्ध नहीं हुआ है.
चीन के लिए पाकिस्तान प्रयोगशाला
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल खंडारे बताया कि चीन पाकिस्तान को ये सिस्टम देता है, ताकि उनका परीक्षण हो सके और चीनी अपनी गलतियों से सीख सके. JF-17 और PL-15 जैसे वेपन युद्ध में आजमाए नहीं गए हैं, लेकिन पाक को देखकर चीन इनकी खामियों को देखता है. फिर इसे बेहतर बनाने पर काम करता है. इसमें बीजिंग का तो फायदा है, लेकिन ये प्रैक्टिस पाकिस्तान के लिए बेहद नुकसानदायक है.
पाक को मुंह की खानी पड़ी, फिर भी कर रहा गलती
गौरतलब है कि हाल ही में ये बात सामने आई है कि चीन ने पाकिस्तान को 40 JF-17 फाइटर जेट्स देने का वादा किया है. हालांकि, ये लड़ाकू विमान भी युद्ध में आजमाया नहीं गया है, इसलिए इस पर आंख मूंदकर भरोसा करना पाक की बेवकूफी होगी. इससे पहले भी पाक को चीन के हथियारों की वजह से इंडियन आर्मी और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) से मुंह की खानी पड़ी है.