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'बिग ब्रदर' को बाय, 'न्यू फ्रेंड' को हाय! ट्रंप को रिप्लेस कर जिनपिंग बनेंगे यूरोप के नए मसीहा?

China Relation With Europe: अमेरिका के रिश्ते यूरोप के साथ नाजुक मोड़ पर आ चुके हैं. इसका फायदा उठाने के लिए चीन ने रणनीति तैयार कर ली है. ड्रैगन अब धीरे-धीरे यूरोप से नजदीकियां बढ़ा रहा है. हाल का घटनाक्रम दिखाता है कि जिनपिंग ट्रंप की जगह लेने के लिए आतुर हैं.

'बिग ब्रदर' को बाय, 'न्यू फ्रेंड' को हाय! ट्रंप को रिप्लेस कर जिनपिंग बनेंगे यूरोप के नए मसीहा?
  • चीन यूरोप से बढ़ा रहा करीबियां
  • पुर्तगाल के मंत्री से मिले वांग यी

China Relation With Europe: अमेरिका ने मौखिक तौर पर यूरोप का साथ छोड़ दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में वे NATO से भी अलग हो सकते हैं. यूरोप के देशों का पहले ही रूस से झगड़ा चल रहा है, अब अमेरिका से भी उनकी दूरियां बढ़ गई हैं. दो महाशक्तियों से दुश्मनी मोल लेकर यूरोप कमजोर पड़ता नजर आ रहा है. लेकिन इस मौके को भुनाकर चीन यूरोप में अपनी पैठ मजबूत कर सकता है. 

पहला वाकया
चीन की यूरोप से करीबियां बढ़ रही हैं, इसका सबसे ताजा उदाहरण चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यूरोपीय देश पुर्तगाल के विदेश मंत्री से हुई मुलाकात है. चीन ने इस बात पर जोर दिया कि यूरोप के साथ उनके रिश्ते मजबूत हों. ड्रैगन ने यूरोप के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने और व्यापारिक संबंधों को गहरा करने के लिए योजना बनाने की बात कही. 

दूसरा वाकया
इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने ये प्रस्ताव दिया था कि रूस-यूक्रेन युद्ध रुक जाएगा तो यूक्रेन में शांति बनाए रखने के लिए सेना भेजी जाएगी. इस पर रूस ने खुलकर आपत्ति जताई. लेकिन दावा है कि चीन ने इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है.

तीसरा वाकया
जर्मन मीडिया आउटलेट डाई वेल्ट ने 22 मार्च को सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की. इसमें दावा किया गया कि चीन यूरोपीय यूनियन की लीडरशिप वाले गठबंधन से मूल है. इस दौरा यूक्रेन में शांति सेना की तैनाती पर बातचीत हुई. हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने इस दावे को सिरे से नकार दिया.

ईयू-चीन के गहरे हो सकते हैं रिश्ते
चीन यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. 2023 में EU-चीन के बीच 735 बिलियन यूरो का व्यापार हुआ. अब ट्रंप ने 2025 में चीन से आयात पर 10% और EU से आयात पर टैरिफ की घोषणा की है. इससे यूरोप और चीन के बीच व्यापारिक सहयोग बढ़ सकता है. दोनों अमेरिकी दबाव का जवाब देना चाहते हैं, इसलिए एक दूसरे से रिश्ते गहरे कर सकते हैं. 

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