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Dusko Popov: दुनिया के मशहूर 'ट्रिपल एजेंट' की कहानी, जो कहलाता है 'रियल जेम्स बॉन्ड'!

Real James Bond Dusko Popov: जेम्स बॉन्ड की कहानियां तो आपने सुनी ही होंगी. जेम्स बॉन्ड का किरदार एक असल जासूस से प्ररित था. ये जासूस डबल नहीं, बल्कि ट्रिपल एजेंट था. इस पर कई किताबें भी लिखी जा चुकी हैं. जिस जासूस की ये कहानी है, इसका नाम 'डस्को पोपोव' है.

Dusko Popov: दुनिया के मशहूर 'ट्रिपल एजेंट' की कहानी, जो कहलाता है 'रियल जेम्स बॉन्ड'!
  • डस्को पोपोव का जन्म 1912 में हुआ
  • अमीर सर्बियाई परिवार में पैदा हुए थे

नई दिल्ली: Real James Bond Dusko Popov: आपने काल्पनिक जासूस 'जेम्स बॉन्ड की कहानियां तो सुनी ही होंगी, फिल्में भी देखी होंगी. इस किरदार को रचने वाले ब्रितानी नैवल इंटेलिजेंस के अफसर इयान फ्लेमिंग थे. उन्होंने 'जेम्स बॉन्ड' का किरदार एक रियल लाइफ पर्सन से इंस्पायर होकर लिखा था. इयान जिनसे प्रेरित हुए, उनका नाम 'डस्को पोपोव' है, जो दुनिया के मशहूर जासूस रहे हैं. चलिए, जानते हैं कि डस्को पोपोव कौन थे?

जर्मनी ने दिया जासूस बनने का ऑफर
डस्को पोपोव का जन्म 1912 में हुआ. वे एक अमीर सर्बियाई परिवार में पैदा हुए थे. डस्को ने बेलग्रेड यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की. आगे कि पढ़ाई के लिए डस्को जर्मनी चले गए. लेखक डेजान टियागो स्टांकोविच ने अपने उपन्यास 'एस्टोरिल' में बताया- जर्मनी में डस्को पोपोव ऐसे लोगों के संपर्क में आए जो वहां की खुफिया एजेंसी 'अब्येहर' से जुड़े हुए थे. इसके बाद डस्को को जर्मनी की ओर से ब्रिटेन में जासूसी करने का ऑफर मिला. 

डबल नहीं ट्रिपल एजेंट बना
डस्को पोपोव ने जर्मन एजेंसी का ऑफर स्वीकार किया. फिर वे सीधे ब्रिटिश फॉरेन इंटेलिजेंस एजेंसी 'एमआई-सिक्स' के पास गए. यहां जाकर उन्होंने पूरा वाकया बताया, इसके बाद ब्रिटेन और जर्मनी दोनों के लिए काम करते हुए डस्को पोपोव डबल एजेंट बन गए. उनका कोडनेम 'एजेंट ट्राइसिकल' हुआ करता था. हालांकि, दावा तो ये भी किया जाता है कि 'एजेंट ट्राइसिकल' दो नहीं बल्कि तीन देशों के लिए काम किया करते थे. दावा है कि डस्को पोपोव ने अमेरिका के लिए भी जासूसी की थी.

ऐसा प्लेबॉय, जो बीवी और महबूबा दोनों को मैनेज करता था
डस्को पोपोव को प्लेबॉय भी कहा जाता है. वे हसीनाओं का ख्याल रखने में माहिर थे, वे ये भली-भांति जानते थे कि हसीनाओं को क्या चाहिए. बीबीसी की क्लेयर हिल्स ने लिखा था- 'वो (डस्को पोपोव) एक ऐसा शख्स था, जो बीवी और महबूबा दोनों को एक साथ मैनेज कर सकता था.' बाद में  ये बात भी सामने आई कि डस्को पोपोव बिस्तर में एक से ज्यादा पार्टनर का शौक भी रखते थे. लड़कियों को रिझाने में पोपोव बाजीगर थे, यही कारण है कि उन्हें प्लेबॉय कहा जाता है. 

'मुझे देखकर रचा गया जेम्स बॉन्ड का किरदार'
जेम्स बॉन्ड का किरदार रचने वाले  इयान फ्लेमिंग के दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1941 में डस्को पोपोव से मुलाकात हुई. दोनों पहली बार 'कसीनो एस्टोरिल' होटल में मिले थे. फ्लेमिंग की मौत के बाद पोपोव ने अपनी आत्मकथा 'स्पाई काउंटर स्पाई' में खुलासा किया था- फ्लेमिंग को जेम्स बॉन्ड के किरदार की प्रेरणा मुझसे ही मिली थी. जेम्स बॉन्ड की फिल्म 'कसीनो रॉयल' ही 'कसीनो एस्टोरिल' है. 

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