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अमेरिका ने NATO छोड़ा तो शामत तय! कैसे 'अनाथ' हो जाएंगे यूरोप के छोटे-छोटे देश?

NATO Countries and America: NATO के अस्तित्व पर गहरा संकट मंडरा रहा है. ये दावा किया जाता रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप NATO के पक्षधर नहीं हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बहस के बाद इस बात को और हवा मिल चुकी है. ट्रंप जल्द ही NATO पर एक सख्त फैसला ले सकते हैं.

अमेरिका ने NATO छोड़ा तो शामत तय! कैसे 'अनाथ' हो जाएंगे यूरोप के छोटे-छोटे देश?
  • ट्रंप NATO पर रहे हैं सख्त
  • इसे छोड़ने पर कर रहे विचार 

NATO Countries and America: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार सत्ता में आने के बाद कई ऐसे फैसले लिए हैं, जो उनकी बदली हुई विदेश नीति को दर्शाते हैं. लेकिन उनके हर फैसले में किसी न किसी का नुकसान जरूर नजर आता है. अब NATO देशों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप और उनके करीबी NATO से अपने देश को निकालने पर विचार कर रहे हैं. फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट बताती है कि कई रिपब्लिकन नेता और ट्रंप के दोस्त एलन मस्क चाहते हैं कि अमेरिका NATO से एग्जिट ले ले. अमेरिकी सीनेटर माइक ली ने कहा है कि यदि NATO अमेरिका के बिना आगे बढ़ रहा है, तो अमेरिका को भी NATO छोड़ आगे बढ़ जाना चाहिए. अमेरिका जल्द NATO को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकता है, इसका सीधा असर यूरोप के उन देशों पर पड़ेगा, जो NATO के सदस्य हैं.

क्या है NATO, इससे यूरोप को क्या फायदा?
NATO का मतलब है North Atlantic Treaty Organization. इसका अनुच्छेद 5 सबसे जरूरी है, जो सामूहिक रक्षा से जुड़ा है. ये कहता है NATO के किसी भी एक सदस्य देश पर हमला होता है, तो इसे सभी पर हमला माना जाएगा. फिर इसका जवाब भी सब मिलकर देंगे. न सिर्फ सैन्य तरीके से, बल्कि ना-ना प्रकार के प्रतिबंध लगाकर भी. NATO में कुल 31 देश हैं, इनमें ज्यादातर यूरोपीय देश शामिल हैं. अमेरिका NATO का सबसे शक्तिशाली देश है, जिसकी छत्रछाया में यूरोप के देश सुरक्षित रहते हैं.

अमेरिका क्यों छोड़ना चाहता है NATO?
यूं तो डोनाल्ड ट्रंप हमेशा ही NATO पर सख्त रहे हैं. लेकिन अब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ हुए वाकये ये ट्रंप तमतमाए हुए हैं. रही-सही कसर यूरोप के देशों ने जेलेंस्की को समर्थन देकर पूरी कर दी. ओबामा प्रशासन में विदेश नीति सलाहकार रहे ब्रेट ब्रूएन ने इसका अंदाजा पहले ही लगा लिया था. उन्होंने ट्रंप की दूसरी जीत के बाद कहा था- 'NATO को अपनी स्थापना के बाद सबसे गंभीर अस्तित्वगत खतरे का सामना करना पड़ेगा.' ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर जोर दिया है, वे चाहते हैं कि यूएस दूसरों का वजन उठाना छोड़े और केवल खुद की तरक्की पर फोकस करे.

रूस के बढ़ते प्रभाव को कौन रोकेगा?
यदि अमेरिका NATO छोड़ देता है, तो रूस यूरोप में अपनी मनमानी कर सकता है. सभी यूरोपीय देश मिलकर भी रूस का सामना नहीं कर सकते. जैसे रूस ने यूक्रेन के कई इलाके कब्जा लिए हैं, वैसा ही बाकी देशों के साथ भी हो सकता है. NATO के टूटते ही रूस को वह मौका मिल जाएगा, जिसका इंतजार उसे कई दशकों से है. रूस अपनी विस्तारवादी नीति को आसानी से अमली जामा पहना सकता है. 2023 में अकेले रूस का रक्षा बजट 100 बिलियन डॉलर था, पूरे यूरोप के कई छोटे देशों के कुल बजट से भी कई गुना अधिक है.

अमेरिका के NATO छोड़ने पर यूरोप पर क्या असर होगा?
- NATO के पास 12500 टैंक हैं, अमेरिका अपना हाथ खींच ले तो यूरोप के पास मात्र 7000 टैंक बचेंगे. 
- NATO के पास फाइटर जेट्स की संख्या 3500 है, अमेरिका के अलग होने पर 2100 ही बचेंगे. 
- NATO के पास 4223 परमाणु हथियार हैं, अमेरिका के रास्ते अलग होने पर 55 ही बचेंगे
- NATO के पास कुल सैनिकों की संख्या 35 लाख है, अमेरिका के छोड़ते ही 25 लाख सैनिक बचेंगे.

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