Pakistan and America Relations: दुनिया एक घर है, अमेरिका इस घर का मुखिया और पाकिस्तान घर का बिगड़ैल बच्चा. वह बिगड़ैल बच्चा, जिसकी कई गलतियों पर मुखिया ने पर्दा डाला. ऐसे गुनाह भी माफ किए, जो माफी के काबिल नहीं थे. 'टेढ़ा है पर मेरा है' थ्योरी को फॉलो करते हुए अमेरिका ने पाकिस्तान के अनगिनत जुर्म भूला दिए हैं. ये पहली बार नहीं हो रहा है, ऐसी मेहरबानी साल 1948 से चली आ रही है, जब अमेरिका ने पाकिस्तान को 40 बिलियन डॉलर की आर्थिक और सैन्य सहायता दी. एक बार फिर अमेरिका पाकिस्तान का पैरोकार बनकर दुनिया के सामने खड़ा है.
हाल के दो वाकये
अमेरिका ने अब पाकिस्तान को सलाह दी है कि वह भारत से सिंधु जल समझौते को पुनः लागू करने के लिए बातचीत करे. ठीक वैसा ही लग रहा है जैसे घर के बाप को अपने बेटे की चिंता हो. लेकिन अमेरिका यहीं तक सीमित नहीं रहा. हाल ही में पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख जहीर अहमद बाबर सिद्धू की अमेरिका यात्रा हुई. इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध मजबूत करने को लेकर चर्चा हुई. मुमकिन है कि अमेरिका भविष्य में पाक को कुछ हथियार भी दे.
पाक को चीन से प्यार, फिर भी अमेरिका बना रहा यार
अमेरिका बार-बार पाकिस्तान के लिए सॉफ्ट कॉर्नर दिखाता है, गलतियां करने पर उसे पहले डांटता है, फिर थोड़ा टाइम गुजरने पर पुचकारने लगता है. चीन और अमेरिका एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं. पाक हर चाल चीन के कहने पर चलता है, फिर भी अमेरिका उससे दूरी नहीं बनाता है. ऐसे में इस सवाल का उठना लाजमी है कि अमेरिका को पाकिस्तान से ऐसा क्या फायदा होता है, जो इतना प्यारा लुटाता रहता है?
अमेरिका इस कारण से पाक के पक्ष में
पाकिस्तान की सीमा अमेरिका के दुश्मनों से जुड़ती है. चीन, अफगानिस्तान और ईरान से पाक का बॉर्डर लगता है. कल को इनसे अमेरिका का लड़ाई-दंगा होता है तो वह पाक की जमीन का इस्तेमाल कर सकता है. यहां की सीमा का इस्तेमाल कर खुफिया जानकारी इकट्ठी कर सकता है. ईरान के साथ हाल ही में अमेरिका का विवाद सामने आया. अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से ही अमेरिका आग-बबूला है. बाकी बचा चीन, जिससे खानदानी दुश्मनी है ही. अमेरिका को लगता है कि पाक अब ना सही, लेकिन कभी न कभी तो काम आएगा ही.
ट्रंप के पाक-प्रेम के पीछे का राज?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले कार्यकाल में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2018 में इस्लामाबाद की सुरक्षा सहायता रोक दी थी. लेकिन इस बार ट्रंप पाकिस्तान पर खूब प्यार लुटा रहे हैं. इसी साल फरवरी में ट्रंप प्रशासन ने पाक को F-16 फाइटर जेट के बेड़े को बनाए रखने के लिए 397 मिलियन डॉलर की मंजूरी दी. ट्रंप के बदले हुए स्टैंड का कारण 'बिजनेस' है. पाकिस्तान ने हाल ही में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल यानी WLF के साथ एक डील की है. यह एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी है, इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परिवार की कथित तौर पर 60% हिस्सेदारी है. डोनाल्ड ट्रंप के दो बेटों, एरिक ट्रंप और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के साथ-साथ दामाद जेरेड कुशनर भी इस कंपनी में पार्टनर हैं. कंपनी के जाचरी विटकॉफ बड़े रियल एस्टेट प्लेयर हैं. वह ट्रंप के सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे हैं, जो अब अमेरिकी विशेष दूत भी हैं.