ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पाकिस्तान की जिस तरह भद्द पिटी, उससे पूरी दुनिया वाकिफ है. वहीं, पाकिस्तान की जब एक न चली तो उसने झूठ का सहारा लिया. चीन के साथ मिलकर राफेल के मार गिराए जाने की अफवाह फैलाई. हालांकि, सलोने सपनों और झूठ के पुलिंदो की उम्र महज एक रात तक होती है. ऐसे में एक न एक दिन पर्दाफाश होना ही थी. अब राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट ने खुद पूरा सच बता दिया है.
दसाल्ट कंपनी ने क्या कहा?
रिपोर्ट के मुताबिक, Dassault Aviation ने साफ-साफ कहा कि उनके CEO, एरिक ट्रैपियर ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की थी जिससे ऐसी अफवाहें फैलें. यह सफाई उन उड़ती अफवाहों और मीडिया रिपोर्ट्स के जवाब में आई है, जिनमें कहा जा रहा था कि IAF के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 'अपने ही' राफेल विमानों के बीच कोई 'गलत मुठभेड़' हो गई थी. कंपनी ने साफ किया कि IAF के राफेल जेट से जुड़ी ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं, और इन दावों को बेबुनियाद बताया है.
राफेल को लेकर उड़ाई गई अफवाह
Dassault Aviation के इस बयान का मकसद रिकॉर्ड को दुरुस्त करना और इंडियन एयरफोर्स के साथ सेवा में मौजूद राफेल बेड़े की ऑपरेशनल क्षमता और विश्वसनीयता को लेकर चल रही अटकलों को खत्म करना है.
वहीं, इस मामले पर भारतीय वायुसेना ने अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी जारी नहीं की है. बता दें, राफेल एक 4.5-जेनरेशन का मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे 2020 में शामिल किए जाने के बाद से यह भारत की हवाई रक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण आधार रहा है.
फ्रांस के साथ हुई डील के तहत अब तक 36 राफेल जेट भारत को मिल चुके हैं. यह विमान अपनी उन्नत क्षमताओं और मारक क्षमता के लिए जाना जाता है. ऐसे में, इंडियन एयरफोर्स के लिए इसकी विश्वसनीयता बेहद महत्वपूर्ण है.
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