Russia Offers S-70 Okhotnik B Drone with Su 57E fighter jet: रूस और भारत के बीच रक्षा साझेदारी लंबे टाइम से रही है. रूस ये बात जानता है कि भारत अब 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट को खरीदना चाहता है. यही कारण है कि रूस ने भारत को कई ऑफर दिए. अब रूस एक बार फिर नए ऑफर के साथ भारतीय वायुसेना से डील करना चाहता है. रूस ने भारत को पांचवी पीढ़ी का सुखोई Su-57E फाइटर जेट ऑफर किया है, इसके साथ ही एक खास ड्रोन का ऑफर भी दिया है
रूस के नए ऑफर में क्या है?
रूस ने नए ऑफर में अपने पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट Su-57E और एडवांस ड्रोन S-70 Okhotnik-B को एक साथ पेश किया है. रूस का कहना है कि भारत इन दोनों की मदद से दुश्मन पर डीप स्ट्राइक करने के काबिल होगा. जेट और ड्रोन मिलकर जटिल मिशनों को अंजाम दे सकेंगे. लेकिन 2024 में ही रूस के इस ड्रोन की पोल-पट्टी खुल गई थी.
Su-57E जेट और S-70 ड्रोन में क्या पावर?
Su-57E स्टील्थ फाइटर जेट: यह रूस का पहला स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले के लिए बनाया गया है. यह जेट सुपरक्रूज तकनीक से लैस है, यानी यह बिना आफ्टरबर्नर के सुपरसोनिक गति से उड़ सकता है. इसमें AESA रडार है, जो इसे अमेरिका के F-35 जैसे जेट्स के मुकाबले खड़ा करता है. बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से 270 से ज्यादा रूसी Su-30MKI जेट हैं, इसलिए Su-57E को अपनाने रखरखाव के मामले में आसानी हो सकती है.
S-70 Okhotnik-B ड्रोन: यह रूस का एक स्टील्थ ड्रोन है, जिसे फ्लाइंग विंग डिजाइन और रडार से बचने के मटेरियल के साथ बनाया गया है. इसका वजन करीब 20 टन है और पंखों की चौड़ाई 20 मीटर. यह ड्रोन Su-30MKI में इस्तेमाल होने वाले AL-31F इंजन या Su-57 के AL-41F इंजन से चलता है. यह ड्रोन 2.8 टन तक हथियार ले जा सकता है और दुश्मन के इलाके में डीप अटैक कर सकता है.
S-70 Okhotnik-B ड्रोन यहां खा गया मात
दरअसल, 5 अक्टूबर 2024 को यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र के Kostiantynivka शहर के ऊपर एक रूसी S-70 Okhotnik-B स्टील्थ ड्रोन को मार गिराया गया. टेलीग्राम चैनलों की शुरुआती रिपोर्टों में बताया गया कि यूक्रेन ने उसे मार गिराया. लेकिन बाद में सामने आया कि रूस से ही ये ड्रोन किल हो गया. नेशनल सिक्योरिटी जर्नल की एक रिपोर्ट बताती है कि रूस Su-57 और S-70 Okhotnik-B की तकनीक का तालमेल सही से नहीं हो पा रहा. रूस की वायु सेना के लिए भी ये ड्रोन सिरदर्द बना हुआ है.
युद्ध में खुद को साबित नहीं कर पाया ड्रोन
रिपोर्ट्स की मानें तो S-70 एक बड़ा बदलाव लाने वाला ड्रोन बन सकता है. लेकिन हो सकता है कि यह अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाया है. रूस अपनी हथियार प्रणालियों का प्रचार तो खूब कर रहा है, लेकिन अभी तक S-70 Okhotnik-B ने युद्ध में खुद को साबित नहीं किया है.