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अफगानिस्तान को रिझाने के लिए इमरान का 'मुस्लिम कार्ड', मोदी का डर दिखाया

इमरान खान ने पीएम मोदी का नाम लेकर कहा कि हिन्दुस्तान में पिछले 72 सालों में मुसलमानों से नफरत करने वाली ऐसी हुकूमत कभी नहीं आई, जैसी इस वक्त है.  इमरान ने पाकिस्तान -अफगानिस्तान के बीच कारोबार बढ़ाने से जुड़े कार्यक्रम में ये बात कही.

अफगानिस्तान को रिझाने के लिए इमरान का 'मुस्लिम कार्ड', मोदी का डर दिखाया
  • अफगानिस्तान के पूर्व एनडीएस ने खोली थी पोल
  • अफगानिस्तान ने कई बार पाक को ठहराया आतंकी हमले का जिम्मेदार
  • पाकिस्तान की नई चालबाज़ी के पीछे बड़ा डर

नई दिल्ली: भारत से अफगानिस्तान को दूर करने के लिए पाकिस्तान ने नई चालबाज़ी शुरू की है. इमरान खान ने पीएम मोदी का नाम लेकर कहा कि हिन्दुस्तान में पिछले 72 सालों में मुसलमानों से नफरत करने वाली ऐसी हुकूमत कभी नहीं आई, जैसी इस वक्त है.  इमरान ने पाकिस्तान -अफगानिस्तान के बीच कारोबार बढ़ाने से जुड़े कार्यक्रम में ये बात कही.

पाकिस्तान को बताया अफगानिस्तान का सच्चा दोस्त

इमरान खान ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान का सच्चा दोस्त बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान में 40 सालों की अस्थिरता का हमने बड़ा खामियाजा भुगता है. कभी तालिबान का खुला समर्थन करने की वजह से तालिबान खान कहे जाने वाले इमरान ने अफगानिस्तान में लोकतंत्र की दुहाई दी.  इमरान ने कहा कि अफगानिस्तान की जनता की इच्छा का हम पूरी तरह सम्मान करेंगे. यहां के लोग जिसे भी सत्ता सौंपेंगे हम उनसे अच्छे संबंध रखेंगे.

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अफगानिस्तान के जरिए हिन्दुस्तान पर अस्थिरता फैलाने का आरोप

इमरान ने अफगानी प्रतिनिधियों के बीच कहा कि...'पाकिस्तान को आशंका है कि हिन्दुस्तान, अफगानिस्तान का इस्तेमाल पाकिस्तान में उपद्रव और अस्थिरता फैलाने के लिए करेगा लेकिन यहां हमने फैसला कर लिया, जो भी अफगानिस्तान के लोग चाहेंगे, हम उन्हें कबूल करेंगे, उनसे ताल्लुकात अच्छे करेंगे .'

अफगानिस्तान से कहा - इतिहास भूल जाओ

इमरान ने अफगानिस्तान को इतिहास को भुलाने की नसीहत दी. इमरान ने कहा कि...'जो इंसान इतिहास में फंस जाता है..वो आगे नहीं जा पाता..हम अहसास करें कि इतिहास में हमने क्या खोया-क्या पाया, यही बड़ा सबक है, इतिहास में उलझे रहने से किसी का फायदा नहीं.'

पाकिस्तान की नई चालबाज़ी के पीछे बड़ा डर

दिवालिया हो चुके पाकिस्तान को अब मुस्लिम देशों से पहले की तरह मदद नहीं मिल रही. पाकिस्तान पहले इस मदद की रकम का बड़ा हिस्सा टेरर फंडिंग पर खर्च करता था. इसी से वो अफगानिस्तान में बैठे अपने आतंकियों की फंडिंग करता था...लेकिन कोरोना की वजह से अब पाकिस्तान खुद दाने-दाने को मुहताज है. पाकिस्तान को डर है कि ऐसे हालात में अफगानिस्तान पर उसकी पकड़ पूरी तरह ढीली पड़ जाएगी और पड़ोसी देश के लिए वो महत्वहीन हो जाएगा.

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अफगानिस्तान ने कई बार पाक को ठहराया आतंकी हमले का जिम्मेदार

अफगानिस्तान सरकार का सीधा आरोप रहा है कि उसके यहां ज्यादातर आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होता है. वो इसके पीछे पाकिस्तान सरकार, फौज और आईएसआई का नाम लेती रही है. पिछले दिनों अफगानिस्तान के न्यूज़ चैनल टोलो न्यूज़ ने बड़ा खुलासा किया था. इस न्यूज़ चैनल पर आईएसकेपी और अल क़ायदा के पूर्व आतंकियों ने कबूल किया था कि ये दोनों संगठन पाकिस्तान का मुखौटा भर हैं..और इनके कमांडर लश्कर-ए-तैय्यबा से भेजे गए हैं.

अफगानिस्तान के पूर्व एनडीएस ने खोली थी पोल

अफगानिस्तान के नेशनल डायरेक्ट्रेट ऑफ सिक्योरटी यानी एनडीएस के पूर्व चीफ रहमुतल्ला नबील ने पाकिस्तान के पाप की पोल खोलकर रख दी थी. उनका दावा था कि पाकिस्तान सीरिया और इराक के रास्ते उनके देश में आतंकियों की फंडिंग कर रहा है..और इसके लिए उसने कई मुखौटा आतंकी संगठन बना रखे हैं.

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